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03 October 2022

बिहार उपचुनाव: BJP के सामने गढ़ बचाने की चुनौती, प्रत्याशियों की रेस में चल रहे ये नाम

 


चुनाव आयोग ने बिहार की दो सीटों पर उपचुनाव की घोषणा सोमवार को कर दी है। बिहार की दो सीट मोकामा और गोपालगंज सदर विधानसभा के लिए उपचुनाव होगा। उपचुनाव के लिए 3 नवंबर को वोटिंग होगी जबकि 6 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। उपचुनाव की घोषणा होते ही गोपालगंज हॉट सीट बन गई है। सभी की नजरें इस सीट हैं। यहां से पूर्व सहकारिता मंत्री व दिवंगत विधायक सुभाष सिंह के निधन से गोपालगंज सीट खाली हुई था। यह सीट बीजेपी के खाते में थी। ऐसे में यह सीट बीजेपी के लिए नाक का सवाल होगी तो महागठबंधन के लिए अग्निपरीक्षा।

उपचुनाव के ऐलान के साथ ही गोपालगंज सीट पर प्रत्याशियों की रेस में नाम चलने लगे हैं। कयास लगाया जा रहा है कि भाजपा के दिवंगत विधायक सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी को पार्टी टिकट दे सकती है। माना जा रहा है कि सहानुभूति वोट मिलने की संभावना के चलते कुसुम देवी का नाम रेस में सबसे आगे हैं।

महागठबंधन से रेस में ये नाम
अगर बात महागठबंधन की करें तो अगर यह सीट जेडीयू को मिलती है तो जेडीयू के प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्व विधायक मंजीत सिंह, जेडीयू जिलाध्यक्ष आदित्य शंकर शाही का नाम प्रत्याशी की रेस में चल रहा है। लेकिन अगर गोपालगंज सीट राजद को मिलती हैं तो राजद कोटे से पूर्व विधायक रियाजुप हक राजू, राजद महिला सेल की जिलाध्यक्ष सुनीता यादव, किसान सेल के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार सिंह, जबकि कांग्रेस से पूर्व प्रत्याशी आसिफ गफूर, लालू यादव के साले साधु यादव भी चुनाव लडने के लिए कमर कस रहे हैं।

20 साल से गोपालगंज सीट पर बीजेपी का है दबदबा
गोपालगंज सदर विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है। पिछले 4 विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां से जीत मिली है। 2005 से यहां सुभाष चुनाव जीतते आ रहे थे। 2020 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुभाष सिंह ने बसपा के उम्मीदवार साधु यादव को 36 हजार के वोटों के अंतर से हराया था। इस चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार रहे कांग्रेस के आसिफ गफूर को सिर्फ 36 हजार वोट मिले थे। हालांकि अब समीकरण बदले हुए हैं। बीजेपी के साथ वाली जेडीयू महागठबंधन में है।

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