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26 October 2022

अल्पसंख्यक PM पर बहस:हिंदुस्तान को रेपिस्तान बताने वाले IAS फैसल बोले- केवल भारत में ही मुसलमान टॉप पर पहुंच सकता है

 


ऋषि सुनक ब्रिटेन के पहले भारतवंशी प्रधानमंत्री बन गए हैं। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम और शशि थरूर ने मंगलवार को सुनक के बहाने भारत में भी अल्पसंख्यक को प्रधानमंत्री बनाने की बहस छेड़ दी। इतना ही नहीं, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने तो यहां तक कह दिया कि वे भारत के प्रधानमंत्री के रूप में हिजाब वाली महिला को देखना चाहते हैं।

इन बयानों पर जम्मू-कश्मीर के सीनियर IAS अधिकारी शाह फैसल ने कटाक्ष किया है। 2009 में सिविल सर्विस में टॉपर रहे फैसल ने कहा- मुस्लिमों को जो आजादी भारत में है, वो किसी मुस्लिम देश में भी नहीं है। वो यहां के टॉप पोस्ट पर पहुंच सकता है। मैं खुद इसका उदाहरण हूं

आजाद, मनमोहन और मुर्मू का दिया हवाला
शाह फैसल सबसे पहले तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने अगस्त 2019 में भारत में बढ़ती रेप की वारदातों पर नाराजगी जताते हुए हिंदुस्तान को रेपिस्तान कह दिया था। शाह ने एक सिविल सेवा अधिकारी के रूप में अपनी खुद की जर्नी का हवाला देते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों को जितनी आजादी हासिल है, उतनी कथित मुस्लिम देशों में भी नहीं है।

मौलाना आजाद से लेकर डॉ. मनमोहन सिंह, डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तक, भारत हमेशा से सबके लिए समान अवसरों वाला देश रहा है। फैसल ने कहा कि देश में शीर्ष पदों तक पहुंचने के रास्ते अब भी सबके लिए खुले हुए हैं। मैं खुद इसका उदाहरण हूं।

भारत में सबको समान अधिकार
फैसल ने कहा- ऋषि सुनक का ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनना हमारे पड़ोसियों के लिए जरूर चौंकने वाली बात हो सकती है, क्योंकि वहां का संविधान गैर-मुसलमानों को सरकार के टॉप पदों तक पहुंचने से रोकता है। लेकिन भारत में ऐसा कभी नहीं रहा है। यहां पर संविधान में जातीय और धार्मिक अल्पसंख्यकों को शुरू से ही बराबर के अधिकार दिए हैं और उनके साथ कभी भेदभाव नहीं किया है।

मैं सरकार के खिलाफ गया, उसी ने मुझे अपनाया
अपना खुद का उदाहरण देते हुए IAS शाह फैसल ने कहा कि मेरी अपनी जिंदगी भी एक सफर की तरह है। मैं 130 करोड़ देशवासियों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चला। यहां पर मैंने सभी के लिए अपनापन, सम्मान, प्रोत्साहन और हर मोड़ पर लाड़-प्यार को महसूस किया है। यही भारत है, जिसे हम इंडिया भी कहते हैं।'

उन्होंने लिखा- यह केवल भारत में ही संभव है कि आतंकवाद से ग्रस्त कश्मीर का एक मुस्लिम युवा इंडियन सिविल सर्विस एग्जाम में टॉप कर सकता है। टॉपर बनने के बाद सरकार के शीर्ष विभागों तक पहुंच सकता है। फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलता है। इसके बाद भी वही सरकार उसे अपनाकर दोबारा मौका देती है। यही भारत की खूबसूरती है, जो और कहीं नहीं मिल सकती।

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