नई दिल्ली। साल 2022 तो जा रहा है, लेकिन जाते-जाते कई यादें देकर जा रहा है। साल 2022 में जो हुआ वो सबने देखा, खासतौर पर भारतीय राजनीति में कुछ ऐसा हुआ,जो किसी के लिए वरदान बन गया तो किसी को बेहाल कर गया।2022 में कई राज्यों में विधानसभा,निकाय और पंचायत चुनाव हुए। जिसमें उम्मीद से ज्यादा कई तरह के उलटफेर देखने को मिले,किसी के हाथ से सत्ता छिन गई तो किसी दल को राष्ट्रीय पार्टी बनने का गौरव प्राप्त हुआ,कांग्रेस ने गैर गांधी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर नई सोच गढ़ने की कवायद की, तो भारत जोड़ो यात्रा के जरिए राहुल गांधी की रिलॉन्चिंग करने का दांव चला गया।
किसी ने की वापसी, किसी ने सत्ता रखी बरकरार
राजनीतिक घटनाओं के लिहाज से साल 2022 काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। साल 2022 में 7 राज्यों में विधानसभा चुनाव, राज्यसभा, निकाय और पंचायत चुनाव हुए, शुरूआत में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में बीजेपी ने अपनी सत्ता कायम रखी, वही पंजाब विधानसभा चुनाव के नतीजों ने तो देश की राजनीति की दिशा ही बदल दी, दिल्ली की सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस को पंजाब की सत्ता से बेदखल कर विपक्ष का पूरी तरह से सफाया कर दिया। वही अभी हिमाचल प्रदेश और गुजरात में भी विधानसभा चुनाव हुए। जिसमें गुजरात में बीजेपी ने जीत का ऐसा रिकॉर्ड बनाया,जो मोदी भी मुख्यमंत्री रहते नहीं बना सके,हालाकि हिमाचल में बीजेपी सत्ता बचाने में कामयाब नहीं रही। यहां कांग्रेस ने वापसी करते हुए अपनी सरकार बना ली।मतलब हिमाचल की जनता ने अपना सत्ता परिवर्तन वाला रिवाज भी बरकरार रखा। इन चुनाव के साथ दिल्ली MCD चुनाव भी हुए, MCD पर करीब 15 साल से कब्जा जमाए बैठी बीजेपी को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। और आम आदमी पार्टी ने बड़ी जीत हासिल कर देश में एक अलग ही माहौल बना दिया। साथ ही आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ।
भारतीय राजनीति में हुए उलटफेर
साल 2022 कुछ राजनीतिक दलों को हमेशा याद रहेगा साल 2022 सिर्फ चुनावी साल नहीं रहा। बल्कि सियासत में कई तरह के उलटफेर भी देखने को मिले, जिसका उदाहरण बिहार और महाराष्ट्र है। बिहार में नीतीश कुमार ने ऐसा दांव चला कि राज्य की सत्ता से बीजेपी की छुट्टी कर दी। जो बीजेपी नीतीश की पार्टी के साथ गठबंधन कर सत्ता का सुख भोग रही थी। उसे सीएम नीतीश कुमार की नीति ने एक झटके में तोड़ दिया। नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ नाता तोड़कर महागठबंधन में वापसी कर ली, और तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम बना दिया। साथ ही नीतीश कुमार ने साल के अंत में एक और सियासी दांव चला। सीएम नीतीश ने ऐलान किया है कि अगले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव ही सीएम का चेहरा होंगे। वही महाराष्ट्र की बात करें तो अच्छी-खासी चल रही महाविकास अघाड़ी सरकार में बीजेपी ने सेंध लगा दी। उद्धव ठाकरे के करीबी रहे एकनाथ शिंदे ने अपने दोस्त का साथ छोड़ कर बीजेपी से हाथ मिला लिया। साथ ही उनके साथ कई और विधायकों ने भी शिंदे का समर्थन कर दिया। हालात ये बन गए कि महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर अपनी सरकार बना ली। अभी शिंदे सीएम हैं और फडणवीस डिप्टी सीएम पद संभाल रहे हैं
उलटफेर के साथ हुआ दलबदल
महाराष्ट्र और बिहार में सियासी बदलाव हुआ तो कई जगहों पर दलबदल भी देखने को मिला। सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा।गुलाम नबी आजद ने पहले तो कांग्रेस छोड़ दी और फिर अपनी खुद की पार्टी बना ली। फिर पंजाब में कैप्टन अमरिंद सिंह और सुनील जाखड़ जैसे नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी और बीजेपी का दामन थाम लिया। गुजरात में भी कांग्रेस के कई विधायकों ने हाथ का साथ छोड़ दिया। वही 2022 में बीजेपी को भी बड़े झटके लगे। यूपी विधानसभा चुनाव के समय बीजेपी के कई विधायक सपा में शामिल हो गए थे। अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू के पांच विधायकों ने पाला बदलकर बीजेपी का दामन थाम लिया था।
2022 में बदली-बदली लगी कांग्रेस
साल 2022 में कांग्रेस अपने बर्चस्व को बचाने के लिए जद्दोजहद करती नजर आई। पहले तो कांग्रेस ने अपनी उस छवि को बदलने की कवायद की जिसका प्रचार बीजेपी ये कहकर कर रही थी कि कांग्रेस की कमान कभी गैर गंधी नहीं संभाल सकता है। कांग्रेस ने राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान गांधी परिवार से बाहर मल्लिकार्जन खड़गे को सौंप दी।मतलब 24 साल के बाद कांग्रेस की कमान गांधी परिवार से बाहर के किसी शख्स को मिली।वही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के जरिए कांग्रेस राहुल गांधी की रिलॉन्चिंग करने की कवायद में है।
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