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20 January 2023

पुस्तकों में समाज को बदलने की शक्ति  होती हैः रावत

 


उज्जैन।
अच्छी पुस्तकें ज्ञान की रोशनी का नया दरवाजा खोलती है। पुस्तकें हमारी ऐसी मित्र होती है, जो हमें सच्ची राह बताती है। अच्छी पुस्तकों में समाज को और पूरे युग को बदलने की शक्ति होती है। वर्तमान में ज्ञान प्राप्त करने के लिए कई डिजिटल प्लेटफॉर्म उपलब्ध है किंतु लंबे समय तक पढ़ने की रोचकता और आनंद प्राप्त करने के लिए पुस्तकों को पढ़ना चाहिए। उक्त विचार भारत के पूर्व चुनाव आयुक्त माननीय श्री ओ पी रावत ने भारतीय ज्ञानपीठ में वरिष्ठ पत्रकार श्री संदीप कुलश्रेष्ठ द्वारा रचित पुस्तक "समय की दस्तक" और पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ चंदर सोनाने द्वारा रचित पुस्तक "सरोकार" के विमोचन प्रसंग पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। श्री ओपी रावत ने कहा कि अच्छी पुस्तकों का लेखन बहुत आवश्यक है, क्योंकि पुस्तकें समाज को समृद्ध बनाती है। पुस्तकें एक माध्यम होती है जिससे हम अपने संस्कार और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचा सकते हैं। पुस्तक "समय की दस्तक" और "सरोकार" दोनों में जनमानस के अवचेतन को जागृत करने की क्षमता है। 

    विकास सहायता केंद्र के अध्यक्ष होने के नाते श्री ओपी रावत ने संस्था भारतीय ज्ञानपीठ के लिए कहा कि यह संस्था एक सामाजिक सरोकार के साथ संचालित हो रही है। ऐसे में मैं यह अपेक्षा करूंगा कि उज्जैन शहर में शिप्रा संवर्धन, संरक्षण और सिंचाई की दिशा में जागरूकता का कार्य इसी संस्था से हो।  संस्थान से ऐसे प्रशिक्षण की व्यवस्था हो जिसमें सिंचाई के विकास और प्रबंधन के सभी पहलुओं में किसानों की सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए।

 समारोह के सारस्वत अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि पुस्तकें समाज में वैचारिक क्रांति लाती है। हमारा समाज बौद्धिक रूप से संपन्न हो इसके लिए आवश्यक है कि पुस्तकों का लेखन और वाचन नियमित होते रहना चाहिए। समारोह की अध्यक्षता करते हुए सर्वोदयी श्री कृष्णमंगल सिंह कुलश्रेष्ठ ने दोनों पुस्तकों के लेखकों को उनके लेखन के प्रति बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। पुस्तक "समय की दस्तक" की समीक्षा वरिष्ठ साहित्यकार डॉ श्रीराम दवे ने की एवं पुस्तक "सरोकार" की समीक्षा जनसंपर्क विभाग मध्यप्रदेश के पूर्व संचालक श्री लाजपत आहूजा ने की। स्वागत उद्बोधन डॉ. चंदर सोनाने ने दिया एवं अतिथि परिचय श्री संदीप कुलश्रेष्ठ द्वारा दिया गया। अतिथि स्वागत श्री युधिष्ठिर कुलश्रेष्ठ, श्री नीरज कानूनगो, श्री संतोष वर्मा, श्रीमती विजेता कानूनगो ने किया। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा विमोचित पुस्तकों के आवरण पृष्ठ डिजाइन करने वाले श्री अक्षय अमेरिया को सम्मानित किया गया। अतिथियों को प्रतीक चिन्ह श्री यश कुलश्रेष्ठ, श्री नितिन गरुड़, श्री पुष्कर बाहेती, श्री अरुण देशपांडे, डॉ सुमित शकरगये, डॉ विनोद बैरागी,श्री पी एस सिसोदिया ने प्रदान किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ गिरीश पंड्या ने किया तथा आभार श्रीमती अमृता कुलश्रेष्ठ ने माना।


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