संत कबीरनगर। नेपाल से चलकर बिहार होते हुए गोरखपुर से संत कबीर नगर जिले में आज भगवान श्री राम और माता सीता के बाल स्वरूप की प्रतिमा में निर्माण होने वाले शालिग्राम पत्थरों की शिलाएं संत कबीर नगर जिले में पहुंची। शहर क्षेत्र के नेदुला चौरा
हे पर पहुंचे शालीग्राम शिला को देखने के लिए भारी संख्या मे जुटे रहे, हजारों की संख्या में लोगों ने दर्शन करते हुए प्रभु श्रीराम के जय जय कार के नारे लगाए ।आपको बता दे कि अयोध्या में बन रहे भगवान राम के मंदिर में शालिग्राम पत्थरों से उनके बाल स्वरूप की मूर्ति के साथ माता सीता के बाल स्वरूप की मूर्ति तैयार की जायेगी। आपको बता दें कि नेपाल से चलीं शालिग्राम पत्थरों की दो बड़ी शिलाओं का संतकबीरनगर जिले में पहुंचने पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ आम जनमानस और प्रभु भक्तों ने पूजन अर्चन किया. इस दौरान जिले की सीमा में प्रवेश करने पर ही शिलाओं को लेकर उत्साहित श्रद्धालुओं ने जगह-जगह उसका स्वागत किया. नेपाल के रास्ते होते हुए बिहार फिर कुशीनगर गोरखपुर के बाद 12 बजे के करीब संतकबीरनगर में शिलाओं का प्रवेश हुआ. यहां से इसे भारी सुरक्षा व्यवस्था और लोगों की श्रद्धा के साथ आगे बढ़ाते हुए आगे भेजा गया। जिले के नेदुला चौराहे और कांटे में हजारों की संख्या में लोगों ने शिलाओं का स्वागत किया . स्वागत के दौरान जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे वहीं शिलाओ का दर्शन पाने के लिए सुबह से ही लोग चौराहे पर खड़े नजर आए। ढोल नगाड़ों के साथ संत कबीर नगर जिले में पहुंची शालिग्राम शिलाओ का लोगों ने स्वागत किया जनपद में प्रवेश करने के बाद सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे।
01 February 2023
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शालिग्राम शिला के दर्शन को उमड़े लोग
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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