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23 March 2023

भाजपा सरकार में 10298 छात्र और 6999 बेरोजगारों ने की आत्महत्या


भोपाल। मध्यप्रदेश के गौरवमयी प्रजातंत्रीय इतिहास पर खरीद-फरोख्त की बदनुमा दाग साबित होती भारतीय जनता पार्टी की वर्तमान सरकार 23 मार्च 2023 को प्रदेश की युवा नीति घोषित करने जा रही है। इस अवसर पर बीते 18 साल की भाजपा सरकार की युवाओं को लेकर नीति और नीयत का मूल्यांकन किया जाना बेहद जरूरी है।
व्यापमं:- युवाओं के भविष्य बेचने की नीति -
कहते हैं कि ‘पूत के पांव’ पालने में दिख जाते हैं, मप्र भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही प्रदेश के करोड़ों युवाओं के भविष्य की बोली लगाकर विश्व के सबसे व्यापक और वीभत्स व्यवसायिक परीक्षा मंडल के घोटाले को आकार दिया।
इस घोटाले का पहला बड़ा अपराध पीएमटी फर्जीवाड़े से संबंधित था, 12/6/2004, अपराध क्रमांक 342/04 इसके बाद 13 से अधिक सरकारी नौकरी भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में 75 लाख से अधिक प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। पुलिस कांस्टेबल, खाद्य निरीक्षण चयन टेस्ट, सूबेदार उपनिरीक्षक व प्लाटून कमांडर, मिल्क फेडरेशन जैसी अनेक भर्ती परीक्षा में घोटाला किया गया।
इतना ही नहीं डेंटल और प्राईवेट मेडीकल कॉलेज का भर्ती घोटाला तो व्यापमं से भी बड़ा है। इस घोटाले के संदर्भ में तो स्वयं मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने वर्ष 2006 में विधानसभा में जांच कराने की बात स्वीकारी थी। मगर हजारों युवाओं के भविष्य को बर्बाद करने वाले इस घोटाले पर अब तक पर्दा ही डाल कर रखा गया। यह घोटाला इतना बड़ा है कि स्वयं सीबीआई ने इस घोटाले की व्यापकता को देखते हुए सर्वोच्च अदालत में इसकी जांच मंे अपनी असमर्थता व्यक्त की थी।
बेहद शर्मनाक तथ्य यह है कि व्यवसायिक परीक्षा मंडल ने न सिर्फ युवाओं के भविष्य को लूटा, अपितु बीते 10 साल में उसने इन बेरोजगार युवाओं से 1046 करोड़ रूपये फीस के रूप में वसूल कर 455 करोड़ रूपये का शुद्ध मनाफा भी कमाया।
राज्य सरकार ने विधानसभा मंे जानकारी देते हुए बताया कि बीते सात वर्षों में उसने 106 विभिन्न प्रतियोगी भर्ती परीक्षाआंे में 424 करोड़ 36 लाख रूपये 01 करोड़ 24 लाख आवेदकों से वसूली है। अब हाल ही में 10 वीं और 12 वीं की परीक्षाओं के पेपर लीक की सुर्खिंया भाजपाई सत्ता को शर्मसार कर रही है।
बेरोजगारी से बेजार कर देने की नीति:-
सरकार ने स्वीकारा खुद का पाप:-
भीषणतम भ्रष्टाचार में डूबी मप्र भाजपा सरकार ने प्रदेश के युवाओं को बेरोजगारी के अंधकार में धकेल दिया है। हाल ही में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा मंे इस बात को स्वीकारा की प्रदेश के रोजगार कार्यालयों में रजिस्ट्रर्ड 37 लाख 80 हजार 679 शिक्षित एवं 1 लाख 12 हजार 470 अशिक्षित बेरोजगार आवेदक रोजगार की बाट जोह रहे हैं और 01 अप्रैल 2020 से अब तक अर्थात बीते तीन वर्षों में मात्र 21 लोगांे को शासकीय और अर्द्धशासकीय कार्यालयों में रोजगार उपलब्ध कराया गया है।
सी.एम.आई.ई. का खुलासा-युवा हुआ रूआंसा:-
सेटर फार मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमिकी सितम्बर से दिसम्बर 2022 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मप्र में 2 करोड़ 50 लाख 97 हजार लेबर फोर्स है अर्थात काम करने वाले लोग है और लेबर पार्टिसिपेशन रेट 38.18 प्रतिशत है। बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 15 से 19 वर्ष के 36.95 प्रतिशत युवाओं को प्रदेश मंे काम नहीं मिल रहा है, 20 से 24 साल के 34.76 प्रतिशत
युवाओं को काम नहीं मिल रहा है और 25 से 29 साल के 15 प्रतिशत युवाओं को काम नहीं मिल रहा है। महिलाओं के लिए तो यह स्थिति बेहद चिंताजनक है, 15 से 19 वर्ष की 100 प्रतिशत युवतियों को 100 प्रतिशत काम नहीं मिल रहा है, 20 से 24 वर्ष की युवतियों 82.41 प्रतिशत और 25 से 29 वर्ष की महिलाओं को 12.76 प्रतिशत महिलाओं को काम नहीं मिल रहा है। 

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