डॉ. राय की बर्खास्तगी का आदेश लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से सोमवार को जारी किया गया है। आदेश के अनुसार जिला इंदौर के हुकुमचंद अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी के पद पर कार्यरत डॉ. आनंद राय (पीजीएमओ नेत्र रोग विशेषज्ञ) को तत्काल प्रभाव से सरकारी सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। इसके अलावा आदेश में कहा गया है कि अप्रैल 2022 में इंदौर के अस्पताल से निलंबित करने के बाद राय का मुख्यालय क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रीवा नियत किया गया था, लेकिन वरिष्ठ कार्यालय के आदेश के बाद भी राय रीवा कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए।
आदेश को दूंगा चुनौती
राज्य सरकार द्वारा डॉ. आनंद राय पर यह कार्रवाई मध्यप्रदेश सिविल सेवा नियमावली, 1966 के नियम 10 के तहत लंबी पेनल्टी लगाकर की गई है। इस पर डॉ. आनंद राय ने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के मामले उठा रहा था। यह मेरी अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। इस आदेश को कोर्ट में चुनौती दूंगा। स्वास्थ्य विभाग के आदेश के अनुसार राय हुकुमचंद चिकित्सालय के 29 मार्च 2022 को निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित थे, जबकि उनकी उपस्थिति रजिस्ट्रर में दर्ज पाई गई। दूसरा 15 फरवरी से 15 मार्च 2022 के अवधि में डॉ. आनंद राय 18 दिन ही उपस्थित हुए। जबकि 6 दिन का कोई अवकाश का आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया। अनुपस्थित रहने पर राय को मेडिकल कराने पेश होने को कहा गया गया, लेकिन वह पेश नहीं हुए।
सरकार पर यह भी लगाया था बड़ा आरोप
बता दें आनंद राय हाल ही में पेसा विकासखंड समन्वयक और जिला समन्वयक की भर्ती में घोटाले का भी आरोप लगा रहे है। उन्होंने भर्ती में आरएसएस और भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं को नियुक्ति देने का आरोप लगाया है। इसके अलावा राय जयस संगठन के साथ मिलकर सरकार पर लगातार आरोप लगा रहे थे।
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