बता दें कि 26 मार्च को माफिया डॉन अतीक अहमद को गुजरात के अहमदाबाद शहर की साबरमती जेल से यूपी एसटीएफ के 45 जवान लेकर चले थे। जिसे 27 मार्च को नैनी जेल में सकुशल पहुंचाया गया था। 28 मार्च को उसकी उमेश पाल अपहरण केस के मामले में पेशी थी जहां अतीक और उसके भाई अफसर को एमपी एमएलए कोर्ट में पेश किया गया था । जहां अतीक अहमद सहित तीन लोगों को अपहरण के केस में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। जबकि
उसके भाई अशरफ सहित सात लोगों को इस केस से बरी कर दिया था। जिसके बाद अतीक को नैनी जेल वापस लाया गया था। लेकिन कोर्ट द्वारा साबरमती जेल के लिए पर्चा काटे जाने के कारण नैनी जेल में उसका दाखिला नहीं हुआ था। मंगलवार रात करीब 8:30 बजे यूपी एसटीएफ की टीम उसको साबरमती जेल ले जाने के लिए रवाना हुई थी, जिसका काफिला प्रयागराज से चित्रकूट, बांदा, महोबा, हमीरपुर होते हुये बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से जालौन की डकोर सीमा में 1:45 पर प्रवेश किया था। अतीक अहमद अहमद के साथ 45 जवानों का सशस्त्र सुरक्षा बल चल रहा है जिनकी जिम्मेदारी अतीक को सकुशल साबरमती जेल में शिफ्ट करना है।
जालौन में अतीक के काफिले का सफर लगभग 45 मिनट का रहा। इतने समय में काफिले ने लगभग 60 किलोमीटर की दूरी तय की। यह काफिला बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से होते हुए झांसी कानपुर नेशनल हाईवे 27 पर पहुंचा। बाद में एट टोल प्लाजा होते हुए झांसी की सीमा में दाखिल हुआ, जिसके बाद उसे झांसी के रक्सा टोल प्लाजा होते हुए मध्यप्रदेश के शिवपुरी, राजस्थान के कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर होते हुये अहमदाबाद साबरमती ले जा रहा है, जो देर रात 9 बजे तक साबरमती जेल पहुंच जाएगा।
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