दरअसल किसान भोजराज को जीवित होते हुए भी सरकारी तंत्र ने मृत घोषित कर दिया है और अब किसान स्वयं को जीवित साबित करने के लिए। दो सालों से दर-दर भटक रहा है
शाजापुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे किसान भोजराज ने बताया कि उसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत राशि मिलती थी,लेकिन 8 सितंबर 2021 से उसे अचानक सम्मान राशि का लाभ दिया जाना बंद कर दिया गया। किसान ने बताया कि जब उसे राशि मिलनी बंद हो गई तो उसने शुजालपुर तहसील कार्यालय में इस बाबत संपर्क किया जहां से मिले जवाब ने उसके पैरो तले से जमीन खसका दी, क्योंकि विभाग में बैठे कर्मचारी ने कहा कि आपकी मृत्यु हो चुकी है इसलिए आपको सम्मान निधि का लाभ नही दिया जा रहा है। किसान ने बताया कि उसने मामले में शुजालपुर तहसील और एसडीएम कार्यालय में कई आवेदन दिए, लेकिन उसकी दो सालों में अब तक एक बार भी सुनवाई नहीं की गई और उसे स्वयं को जीवित दिखाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। किसान की समस्या सुनकर कलेक्टर ने तुरंत ही मामले में जांच के आदेश जारी किए हैं। साथ ही किसान को आश्वस्त किया है कि जल्द ही उसकी समस्या का समाधान किया जाएगा। किसान भोजराज ने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि दो साल से बंद कर दी गई है, क्योंकि अधिकारियों ने उसे मृत घोषित कर दिया है। अब मुझे खुद के जीवित होने का प्रमाण शासन को देना पड़ रहा है।किसान ने बताया कि बीते दो साल से कभी तहसील तो कभी एसडीएम कार्यालय के चक्कर काट रहा हूं और अधिकारियों को बता रहा हूं कि साहब मैं जिंदा हूं और आपके सामने खड़ा हूं पर अधिकारी हैं कि मानने को तैयार ही नहीं है उन्हें लगता है कि मेरी मौत हो चुकी है और मैं भोजराज का भूत हूं यही कारण है कि मुझे 2 सालों से स्वयं को जीवित साबित करने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। किसान ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है।
19 April 2023

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साहब मैं जिंदा हूं, लेकिन अधिकारियों को लगता है कि मैं भूत हूं
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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