जिसके आधार पर कलेक्टर ने एक पत्र के माध्यम से थाना प्रभारी पुलिस थाना जबेरा को एफ आई आर दर्ज कराने आदेशित किया है। प्राप्त जानकारी अनुसार दिनांक 01.04.2023 को शिकायतकर्ता द्वारा दूरभाष एवं व्हाट्सएप पर प्राप्त शिकायत के आधार पर नवज्योति वेयर हाउस कजई मानगढ़ की जांच हेतु एक जांच दल जिसमें जिला प्रबंधक श्री छगनलाल मुंगड़, एल0एन0 राय (वरिष्ठ सहायक) MPSCSC, जी०सी० यादव (लेखापाल) MPSCSC, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी राजेश पटैल द्वारा मौके पर पहुंच कर जांच की गई । प्रतिवेदन अनुसार एम पी डब्ल्यू एल सी के शाखा प्रबंधक आर.एम श्रीवास्तव, चौकीदार कम हेल्पर एम पी डब्ल्यू एल सी कर्मचारी रेवालाल पटेल ,नव ज्योति वेयर हाउस कंजई मानगढ़ की प्रोप्राईटर मीनारानी राय, गोदाम मालिक प्रतिनिधि मौसम राय ,हम्माल मुकददम मिलन चौधरी ,हम्माल पल्लेदार गोलू चौधरी, अज्जू चौधरी ,सतीष यादव के कथन अनुसार एवं जाँच समय मौके पर गोदाम में रेत खाली वारदाने सिलाई में प्रयुक्त किये जाने वाले धागे की पाईप, सिलाई के उघडे गये धागे, एवं फावडा एवं स्टेक से लिये गये सेम्पल से प्रथम दृष्टिया प्रतीत होता है कि गोदाम में स्टॉक में कम पाई गयी धान की मात्रा की पूर्ति के लिये गोदाम पर धान के बोरो का वजन बढ़ाने के उद्देश्य से धान के बोरो में रेत मिलाई गयी। इस प्रकार एम पी डब्ल्यू एल सी के शाखा प्रबंधक श्री आर.एम. श्रीवास्तव, चौकीदार कम हेल्पर एम पी डब्ल्यू एल सी कर्मचारी रेवालाल पटेल, नव ज्योति वेयर हाउस कजई मानगढ़ की प्रोप्राईटर मीनारानी राय गोदाम मालिक प्रतिनिधि मौसम राय द्वारा खुर्द बुर्द की गयी 557.32 क्विटल धान एवं 834 क्विटल (धान+रेत) को बोरी मे भरकर गोदाम में रखा गया जिसकी कुल राशि 2838292.00 शब्दों में अठ्ठाईस लाख अडतीस हजार दो सौ बानवे रूपये वसूली योग्य है। उपरोक्त कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 120बी, 272, 273, 409, 420 के तहत दण्डनीय है । उक्त प्रकरण में प्रथम दृष्टया गंभीर अनियमिततायें परिलक्षित होने से प्रकरण में अभियुक्तों के विरूद्ध थाना जबेरा में एएसआई राकेश पाठक द्वारा एफ0आई0आर0 दर्ज की गई।
06 April 2023

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धान की मात्रा बढ़ाने मिला दी रेत
धान की मात्रा बढ़ाने मिला दी रेत
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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