Breaking

10 May 2023

भाजपा-कांग्रेस ने शुरू की चुनावी तैयारियां


 भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में महज छह महीने का वक्त बचा है। ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियों ने अपनी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं मध्यप्रदेश में इस चुनाव में तीसरी और चौथी पार्टी का भी उदय होते दिखाई दे रहा है। 

जहां आम आदमी पार्टी बीजेपी के वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। तो वहीं कांग्रेस को सबसे बड़ा खतरा असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM से हो सकता है। मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में मिली बढ़त से एआईएमआईएम काफी खुश है और अब उसकी नजरें मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव पर टिक गई हैं।



मुस्लिम बहुल इलाकों में चलाया जा रहा है अभियान...

नरेला विधानसभा में एआईएमआईएम ने चलाया था सदस्यता अभियान...

कार्यक्रम में मौजूद लोगों को खिलाई गई थी बिरयानी...

2022 से ही चल रहा है पार्टी का सदस्यता अभियान..

नगरीय निकाय चुनाव में जीत के बाद आत्मविश्वास से भरी है ओवैसी की पार्टी...


 ओवैसी की पार्टी ने मध्यप्रदेश में सदस्यता अभियान भी तेज कर दी है। AIMIM भोपाल में बिरयानी पार्टी कर चर्चा में आई थी, अब भाजपा सरकार की कन्यादान योजना की तर्ज पर ‘निकाह विवाह योजना’ लेकर आई है। इसमें पार्टी द्वारा लड़कियों का निःशुल्क निकाह कराया जाएगा। AIMIM नेताओं ने शादी के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दिए है। मुस्लिम समाज की बहन बेटियों की निःशुल्क शादियां और निकाह का काम नरेला विधानसभा में शुरू किया गया है। जैसे ही 100 लोगों के रजिस्ट्रेशन उनका निकाह कराया जाएगा, जिसमें पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी भी शिरकत करेंगे।


आधी आबादी पर भी नजर

 तो वही बीजेपी भी लगातार प्रदेश की आधी आबादी को साधने की कोशिश कर रही है साथ ही केंद्र सरकार भी मुस्लिम महिलाओं के हितों की बात करती नज़र आती है। तो वही बीजेपी का मानना है कि कन्या विवाह योजना है जरिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हर वर्ग की लाखो बालिकाओं का निकाह कराया है। ये AIMIM का चुनावी कार्यक्रम है और ये जनता अच्छे से समझती है।

AIMIM बीजेपी की बी टीम 

 कांग्रेस का कहना है कि कन्या विवाह कराना ठीक बात है पर सिर्फ चुनाव के लिये ये सब करना उचित नही है और AIMIM बीजेपी की बी टीम के रूप में काम करती है। इससे कांग्रेस को कोई फर्क नही पड़ेगा। 

तीसरे मोर्चे को नकारा

 चाहे बीजेपी हो या फिर कांग्रेस दोनों ही मध्य प्रदेश में तीसरे मोर्चे की बात को सिरे से नकारते हैं। उनका स्पष्ट रुप से मानना है कि मध्य प्रदेश में केवल दो ही दलों में सरकार बनाने की ताकत है। ऐसे में दूसरे दल केवल मीडियाबाजी कर अपनी ताकत दिखाते है। अब देखना होगा यह दूसरे दल किस तरीके से भाजपा और कांग्रेस के सामने मुसीबतें खड़ी करते हैं।  


No comments:

Post a Comment

Pages