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31 May 2023

उज्जैन के अफसर शर्मसार कर रहे सरकार को


 उज्जैन। पिछले कुछ दिनों से धार्मिक नगरी उज्जैन में प्रकृति दे रही है, अगर हम पिछले 8 दिनों के घटनाक्रमों को देखे तो सीवरेज पाईप लाईन फूटकर शिप्रा में मिलने से लेकर सप्तऋषियों की मूर्ति टूटने तक कई ऐसे घटनाक्रम है जो अधिकाररियो को कटघरे में खड़ा करता है।   वीआईपी के नाम पर दर्शनों की बंदरबाट का जो सिलसिला चल रहा है उससे धार्मिक नगरी उज्जैन में बड़े बदलाव के आसार बन गए है। वही महाकाल लोक की घटना ने कांग्रेस को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया है।


-महाकाल लोक में कमल के फूल  पर विराजित सप्तऋषियों में से 6 टूटकर जमीन पर गिर गए जिनके हाथ के पंजे पूरी दुनिया ने देखें, कांग्रेस ने भी समय को भांपकर पहली बार मौके पर चौका मारा और इस मुद्दे को भुनाने में जी जान लगा दी, शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, नेता प्रतिपक्ष रवि राय से लेकर विधायक महेश परमार और आज पुर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, शोभा ओझा, केके मिश्रा ने भी घटना को लेकर मोर्चा खोल दिया।उज्जैन पहुची कांग्रेस नेताओं की टीम ने महाकाल लोक का मुआयना किया। 


 रही सही कसर सनातनियो की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरी महाराज ने यह कहकर पूरी कर दी कि पूरे मामले की जांच तो होना ही चाहिए जबकि कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री और प्रभारी मंत्री तक जांच कराने से इंकार कर चुके है । 


महाकाल लोक में लगी 100 से अधिक मूर्तियों में से सिर्फ ये 6 मूर्तियां ही क्यों गिरी ? आज जब कांग्रेस नेताओं का दल महाकाल लोक का भ्रमण कर रहा था तो यह बात तेजी से फैली की  सनातन धर्म के पुरोधा ये सप्तऋषि बहुत दिनों से कमल के फूल पर विराजित थे यह कमल का फूल भाजपा सरकार का भी प्रतीक है लेकिन थोड़ी ही आंधी में इन्होंने कमल के फूल का अपना स्थान छोड़ दिया।


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