दरअसल घाटीगांव थाना क्षेत्र के बाबा गरीबदास के आश्रम के पास भंवरपुरा के जंगल में बाबा गरीबदास महाराज उर्फ पूरनदास 15 सालो से रहते आ रहे थे। संत गरीबदास के आश्रम पर रामबरन आदिवासी सफाई करने पहुंचा था। तब वहां बाबा नहीं दिखे तो वह आश्रम के अंदर बने बाबा के कमरे में पहुंचा। कमरे में सामान बिखरा हुआ था। इस पर रामबरन ने अन्य ग्रामीणों के साथ आश्रम के आसपास बाबा की तलाश की। तब आश्रम के पीछे के हिस्से के जंगल में बाबा का शव मिला। जिसे देख रामबरन ने इसकी सूचना पुलिस को दी। हत्या की सूचना पर एएसपी जयराज कुबेर व फोरेंसिक विशेषज्ञ अखिलेश भार्गव भी घटना स्थल की पड़ताल के लिए पहुंचे। जहां बाबा गरीबदास के हाथ-पैर बंधे हुए मिले। जिससे से पुलिस को साफ हो गया की बाबा की हत्या की गई है। वही हत्या में दो या दो से अधिक आरोपी शामिल रहे होंगे। बाब के मुंह व गले पर भी कपड़ा बंधा हुआ था। मुंह में पहले कपड़ा और टॉर्च भी ठूसी मिली है। बाबा के शरीर पर कपड़े भी नहीं थे और शव के पास ही बाबा की चप्पलें व डिब्बा पड़ा हुआ मिला। जब पुलिस ने बाबा के आश्रम के कमरे में उनकी अलमारी को चाबी से खोला तो उसका लॉक टूटा नहीं था। इससे संभावना है कि हत्यारों ने बाबा से चाबी लेकर अलमारी की तलाशी ली होगी या फिर अलमारी को लॉक करना बाबा भूल गए होंगे। रामवरन 108 संत गरीबदास महाराज ने पुलिस को यह भी बताया कि बाबा शाम के समय फोन पर व्यस्त रहते थे और नंबर बताते रहते थे। बाबा का यह मोवाइल फोन भी रात तक पुलिस को नहीं मिला है। फिलहाल पुलिस ने बाबा के शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज अज्ञात बदमाशों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरू कर दी है।
29 May 2023
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आश्रम में बाबा की नृशंस हत्या
आश्रम में बाबा की नृशंस हत्या
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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