इसलिए लौटाई थी डाक
रीवा के नौबस्ता गांव के सत्यनारायण त्रिपाठी ने तीन बार आरटीआई आवेदन को डाक से लखपत यादव को भेजा था। पर तीनों बार पंचायत के सचिव लखपत यादव ने डाक को लेने से इंकार कर दिया। डाकिए ने भी तीनों डाक लिफाफे के उपर एक टीप दर्ज कर दी कि लखपत यादव ने डाक लेने से इंकार किया है। इन तीनों RTI आवेदन में त्रिपाठी ने गांव में हुए विकास कार्य का लेखा-जोखा मांगा था। पर पंचायत सचिव जानकारी देना ही नहीं चाहते थे। सतनारायण त्रिपाठी ने तीनों मामलों में अलग-अलग शिकायतें राज्य सूचना आयोग के समक्ष सीधे दर्ज कर दी यह कहते हुए की पंचायत सचिव जानबूझकर कर उनकी डाक लौटा रहे ताकि RTI के तहत जानकारी नही देना पड़े।
सिंह : डाक लौटाने वाला जानता है डाक में क्या है
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने इन प्रकरणों में लखपत यादव को जिम्मेदार मानते हुए 25 25 हजार और अनुशासनिक कार्रवाई का शो कॉज नोटिस जारी किया था। भोपाल स्थित सूचना आयोग कार्यालय में लखपति यादव को सुनवाई के लिए तलब किया गया। यादव ने आयोग के सामने डाक को लौटाने की घटना से ही इंकार कर दिया। उसने ये भी कहा कि उसे नहीं मालूम कि डाक किसने लौटाई। पर सूचना आयुक्त राहुल सिंह के सामने की दलील काम नहीं आई। सिंह ने यादव से सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या वे डाक विभाग से या अपने स्वयं के कार्यालय से कोई ऐसा साक्ष्य ला सकते है जिससे यह साबित हो कि डाक उनके द्वारा नहीं लौटाई गई है। सिंह ने कहा की डाक विभाग भी शासकीय विभाग और डाकिए की टीप से स्पष्ट है कि डाकिए ने लखपत यादव को संपर्क किया था और संपर्क करने के बाद जब डाक लेने से मना किया तब डाकिए ने लिफाफे के ऊपर टीप दर्ज कर डाक वापस किया। सिंह ने यह भी कहा कि लिफाफे के ऊपर लोक सूचना अधिकारी लिखा हुआ था तो वापस करने वाले को मालूम था डाक आरटीआई आवेदन से संबंधित है, इसलिये डाक को जानबूझकर लौटा दिया गया ताकि जानकारी ना देना पड़े।
आयोग के सामने खुली सचिव की कुंडली
आयोग के सामने अधिकारी की खुली कुंडली। सुनवाई के दौरान ही राज्य सूचना आयुक्त ने जब अपने कार्यालय से लखपत यादव की जानकारी ली तो यादव की पूरी कुंडली खुल गई। वे आदतन आरटीआई आवेदन को लेने से इंकार करते रहे है। आयोग ने पूर्व के एक और प्रकरण में इन पर ₹5000 के जुर्माने की कार्रवाई भी की थी। वही इसके पहले भी लखपत यादव के डाक लौटाने के एक और मामले में यादव के जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के ऊपर भी आयोग कार्रवाई कर चुका है। दरअसल यादव ने जब डाक लौटाई तो आरटीआई आवेदक ने आरटीआई आवेदन जनपद पंचायत रीवा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेज दिया। पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भी RTI आवेदन वापस आवेदक को ही भेज दिया यह कहते हुए कि आरटीआई आवेदन पंचायत सचिव के पास दायर किया जाए। वही हाल ही में भ्रष्टाचार के एक मामले में लखपत यादव को पंचायत विभाग ने निलंबित किया था।
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