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15 June 2023

मन मोह लेता है रमदहा जलप्रताप


मनेंद्रगढ़ । साल वृक्षों के घने जंगलों और साल भर बहते नदी नालों से आच्छादित उत्तर छत्तीसगढ़ का रमदहा जलप्रपात पिछले कुछ वर्षों से सैलानियों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यहां सुविधाओं का विस्तार तो नहीं हुआ लेकिन यहां की खूबसूरती छत्तीसगढ़ के अलावा पड़ोसी प्रांत मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती शहरों के लोगों को अपनी ओर खींच लाता है। 

प्रकृति ने रमदहा जलप्रपात और उसके आसपास के क्षेत्रों को इस तरह सजाया और संवारा है कि पहली नजर में ही यह सैलानियों को भा जाता है। कई फीट ऊंचाई से नदी का अनवरत गिरता पानी और आसपास के घने जंगल इसकी सुंदरता को और बढ़ाते है। यही कारण है कि अवकाश के दिनों में बड़ी संख्या में लोग अपने परिवार के साथ यहां प्रकृति का आनंद उठाने पहुंचते हैं। बनास नदी पर एक बहुत ही सुंदर झरना है जो बरबस ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

दूर दूर से आते हैं सैलानी

छत्तीसगढ़ राज्य के नवीन जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के भरतपुर विधानसभा से लगा हुआ है  रमदहा जलप्रपात। इस जलप्रपात को देखने के लिए सैलानी दूरदराज से आते है। इसकी सुंदरता को यूट्यूब वीडियो के माध्यम से देखकर हजारों की संख्या में लोग इसका नजारा देखने पहुँच रहे हैं। जिले के भरतपुर क्षेत्र में घने जंगलों के बीच कई फिट की ऊंचाई से पानी गिरता हुआ देखकर सैलानी मंत्रमुग्ध हो जाते है लेकिन ऐसा क्या कारण है की जिला प्रशासन इस जलप्रपात की ओर समुचित ध्यान नहीं दे रहा है। हजारों की संख्या में सैलानियों के रमदहा जलप्रपात पहुंचने के बाद भी वहां तक जाने जाने वाला रास्ता इस तरह बेहाल है की लोगों की सांसें ऊपर नीचे होने लगती है। जो यहां आते है प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर बहुत खुश हो जाते हैं लेकिन प्रशासन द्वारा उचित इंतजाम नही होने के कारण निराशा भी होती है।


सुविधाओं का अभाव

           वही बात करें तो प्रशासन और शासन दोनों ही अपनी भूमिका वादों में  करके भूल जाते हैं। जब हमने कुछ सैलानियों और ग्राम सरपंच से बात की तो उनका भी यही कहना था की रमदहा जलप्रपात में आने जाने के लिये जो रास्ता वन विभाग द्वारा बनाया जा रहा है। वह बहुत ही गुणवत्ताविहीन है। ऐसा लगता है की सिर्फ कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार करने के लिये ही सड़क का निर्माण किया जा रहा है। सैलानियों से जब ईटीवी भारत ने बात की तो उनका कहना है की हमने यूट्यूब के माध्यम से इस जगह को देखा था। झरने की खूबसूरती देखकर यहां काफी दिनों से आने का प्रोग्राम बन रहा था। झरना में कई फिट से पानी गिरता हुआ देखकर हम इसकी खूबसूरती में खो गये। इसी खूबसूरती को देखने के लिए हम करीब 400 किलोमीटर दूर से यहां आये हैं लेकिन जलप्रपात तक पहुंचने के लिये जो रास्ता बनाया गया है। वह बहुत ही खराब और जर्जर हालत में है इस ओर स्थानीय शासन प्रशासन को ध्यान देना चाहिये ताकि यहां आने वाले सैलानियों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।

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