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02 July 2023

83 करोड़ का काम 731 करोड़ तक पहुंचाया, हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी


 भोपाल। मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का हब बन चुका है। सीएम शिवराज सिंह चौहान जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं और यहां सरकारी अफसरों की लापरवाही और उनका भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया है। भ्रष्ट अफसरों ने बाढ़ के दौरान क्षतिग्रस्त हुई नहर, बांध और तालाबों की मरम्मत के बजट के कई गुना बढ़ा दिया और बजट स्वीकृत भी करवा लिया। लेकिन इस हाई कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए इस मामले में EOW से रिपोर्ट तलब की है।


जानकारी के अनुसार, 2021 में आई बाढ़ में टूटी और क्षतिग्रस्त हुए तालाब, नहर और बांधों की मरम्मत के लिए शासन ने जल संसाधन विभाग को 83 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था लेकिन कुछ समय बाद ही ये बजट बढ़कर करीब आठ गुना यानी 731 करोड़ रुपये हो गया।


शहर के एक नागरिक ने हाई कोर्ट में इसके खिलाफ जन हित याचिका दायर की। याचिकाकर्ता मलकीत सिंह ने अपनी याचिका में इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए और जांच की मांग की। याचिका में बताया गया कि बाढ़ में ग्वालियर के अलावा शिवपुरी, श्योपुर, गुना और अशोक नगर का हिस्सा ज्यादा प्रभावित हुआ।याचिका में कहा गया कि शासन ने नहर, तालाब और बांधों की मरम्मत के के लिए जल संसाधन विभाग ने 83 करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा जो धीरे धीरे बढ़कर 570 करोड़ और फिर 731 करोड़ हो गया। याचिका की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ की डबल बेंच ने नाराजगी जताई , कोर्ट ने इस मामले में EOW से रिकॉर्ड तलब किया है और 3 जुलाई को रिपोर्ट के साथ कोर्ट में हाजिर रहने का आदेश दिया है।


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