श्री कमलनाथ ने कहा कि कृषि की बढ़ती लागत और डीजल के आसमान छूते दामों को देखते हुए किसानों को राहत देने के लिए कांग्रेस पार्टी कृषक न्याय योजना को प्रदेश में लागू करने के लिये वचनबद्ध है। हमने योजना के पहले चरण में कर्ज माफी की गारंटी दी है, हम दूसरे चरण में किसानों के खेतों की सिंचाई के लिए पांच हॉर्स पावर तक के पंपो के लिये निशुल्क बिजली उपलब्ध करायेंगे।
श्री कमलनाथ ने कहा कि हम किसानों के दर्द को समझते हैं, बिजली की कमी, खराब ट्रांसफार्मर्स को बदलने, बिजली चोरी के झूठे आरोप और दमन के खिलाफ आवाज उठाने वाले किसानों के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों को भी वापिस लेंगे।
श्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश का किसान और आमजन महंगे बिजली बिल की वसूली और भारी बिजली कटौती से त्रस्त है। प्रदेश के गांवों में 10-10 घंटे अघोषित बिजली कटौती हो रही है। शिवराज जी ने मध्यप्रदेश को अंधकार युग में धकेल दिया है। जो शिवराज विपक्ष में रहकर कहते थे कि बिजली के बिल मत चुकाना, मामा है ना और कहते थे कि इनवर्टर मत खरीदना, आज उन्हीं मामा जी ने मध्य प्रदेश को इनवर्टर की जगह जनरेटर युग में धकेल दिया है। गांव में बिजली आती नहीं है, गिरती जरूर है। मामा की बिजली किसानों के ऊपर गिर रही है, लेकिन किसानों की मोटर नहीं चल रही है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश की अर्थव्यवस्था और समाज-व्यवस्था खेती पर टिकी है, जिसका आधार स्तंभ हमारे किसान भाई हैं। लेकिन किसान भाइयों का सम्मान करने के बजाय शिवराज सरकार ने 18 साल में किसानों के साथ अन्याय किया है। किसानों को एमएसपी पर दिया जाने वाला बोनस बंद कर दिया है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार ने किसानों को परेशान करने में कोई कमी नहीं छोड़ी है। जब खाद की आवश्यकता होती है तो किसान को खाद नहीं मिलता, जब बीज की जरूरत होती है तो बीज नहीं मिलता और जब फसल पक कर तैयार होती है तो उसे बेचने के लिए सही न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता। वहीं समर्थन मूल्य बढ़ाने का शिवराज सरकार कोई प्रयास नहीं करती और मौन धारण करके बैठ जाती है।
श्री कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री के सामने रीवा के कार्यक्रम में झूठी घोषणा कर दी कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी दुगनी से अधिक हो गई है, जबकि सच्चाई यह है कि मध्य प्रदेश में किसानों की आमदनी पहले से और कम हो गई है। मोदी सरकार की संसदीय समिति ने दिसंबर 2022 में यह बताया है कि मध्य प्रदेश देश के उन 4 राज्यों में शामिल है जिसके किसानों की आमदनी बहुत अधिक घट गई है। वर्ष 2015-16 में जो आमदनी 9740 रूपये प्रति माह थी, वह घटकर 8339 रूपये प्रति माह रह गई है। देश के सभी बड़े राज्यों में आमदनी के मामले में मध्य प्रदेश के किसान बहुत नीचे हैं।
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