Breaking

12 September 2023

पूर्व एसडीएम ग्वालियर को जानकारी नहीं देना पड़ा भारी, जुर्माना


भोपाल। RTI में मांगी जानकारी को लेकर अपने ही सीनियर अधिकारी के अनुरोध को लगातार नजरअंदाज करना चंद्रभूषण प्रसाद पूर्व एसडीएम ग्वालियर वर्तमान में एडिशन कलेक्टर मुरैना को भारी पड़ गया। जानकारी  उपलब्ध नहीं कराने पर राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चंद्रभूषण प्रसाद के ऊपर ₹ 25000 का जुर्माना लगाया है। साथ ही RTI कानून की समझ को लेकर ग्वालियर संभाग के लोक सूचना अधिकारियों की बेहाल व्यवस्था को देखते हुए सिंह ने ग्वालियर संभाग के कमिश्नर को अधिकारियों की RTI Act की ट्रेनिंग उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित किया है।


RTI में यह जानकारी मांगी थी

ग्वालियर के नारायण बांदिल ने सन 2020 में एक आरटीआई लगा करके कलेक्टर कार्यालय ग्वालियर से दो बिंदुओं की जानकारी चाही थी। एक तो उन्होंने अपर कलेक्टर द्वारा आयुक्त नगर पालिका निगम ग्वालियर को भेजे एक आदेश की छाया प्रति चाहिए थी वहीं दूसरे बिंदु में नगरी प्रशासन मंत्रालय भोपाल ग्वालियर कलेक्टर को दिए गए आदेश में क्या कार्रवाई हुई है उसकी जानकारी मांगी गई थी।


जानकारी दबाने के चक्कर में सीनियर का आदेश भी किया अनसुना 

RTI आवेदन कलेक्टर कार्यालय ग्वालियर में प्राप्त हुआ था जिस पर कार्रवाई करते हुए तत्कालीन अपर कलेक्टर ने बिंदु क्रमांक एक की जानकारी को उपलब्ध करा दिया और बिंदु क्रमांक 2 की जानकारी के लिए एसडीम झांसी रोड को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। पर एसडीम ने जानकारी उपलब्ध नहीं करवाई। प्रथम अपीलीय अधिकारी अपर कलेक्टर ग्वालियर ने तीन दिन में चंद्र भूषण को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया था पर इसके बावजूद जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई। अपर कलेक्टर द्वारा दोबारा तत्कालीन एसडीएम चंद्र भूषण प्रसाद को दिनांक 6/10/2021 को 15 तीन में जानकारी उपलब्ध करवाने को कहा इसके बाद  दिनांक 6/10/22 को भी जानकारी को उपलब्ध कराने के लिए कहा गया। इसके बावजूद भी जानकारी उपलब्ध नही हो पाई। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने चंद्रभूषण की इस लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें कई बार उनके अधिकारियों ने जानकारी उपलब्ध कराने के लिए आदेशित किया था पर इसके बावजूद उनके द्वारा जानबूझकर जानकारी को उपलब्ध नहीं कराया गया सिंह ने कहा कि एक बार मानवीय भूल की वजह से जानकारी को उपलब्ध कराने में हुई देरी की गलती को समझा जा सकता है। पर अपने अधिकारी के बार-बार स्मरण पत्र देने के भी बाद भी जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो यह साफ है कि अधिकारी जानबूझकर जानकारी को रोक रहे है। 

No comments:

Post a Comment

Pages