- राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में लागू नहीं हुई ओल्ड पेंशन
- ओल्ड पेंशन व्यवस्था लागू करने के लिए सक्षम नहीं हैं राज्य सरकारें*
भोपाल। कांग्रेस ने एक बार फिर मध्यप्रदेश की जनता से झूठा वादा किया है। एमपी में पार्टी चुनाव जीतने पर पुरानी पेंशन लागू करने का वादा कर रही है, लेकिन जिन राज्यों में कांग्रेस की सरकार है, वहां इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। इस हिसाब से कांग्रेस की कथनी और करनी में जमीन आसमान का फर्क है। कांग्रेस ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने की बात कही थी, लेकिन आज तक इन राज्यों में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू नहीं किया जा सका है। यह बातें बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधियों ने विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों से चर्चा के दौरान कही।
यह प्रतिनिधिमंडल भोपाल आया था। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कर्मचारी संगठनों को बताया कि पेंशन में सुधार की दिशा में केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार व्यापक प्रयास कर रही है। इसके लिए केंद्र शासन द्वारा शासकीय सेवकों के लिए वर्तमान में लागू नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के प्रावधानों को अधिक व्यावहारिक और कर्मचारियों के लिए अधिक लाभप्रद बनाया जाएगा। इसके लिए भारत सरकार के वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन की अध्यक्षता में अप्रैल 2023 में कमेटी भी गठित की गई है। यह कमेटी समस्त हितधारकों से चर्चा कर उनसे सुझाव प्राप्त करने के उपरांत नेशनल पेंशन सिस्टम में संशोधन संबंधी अपने सुझाव देगी। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के सचिव, केंद्रीय वित्त मंत्रालय के वित्त सचिव और पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमेन समिति के सदस्य हैं। प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारी संगठनों को बताया कि यह समिति राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर संचालित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, विभिन्न मंत्रालयों, राज्य सरकारों के वित्त विभाग के प्रतिनिधियों से संवाद कर रही है। समिति ने एनपीएस संबंधी बिन्दुओं पर कर्मचारी संगठनों के सुझाव प्राप्त किए हैं। समिति विभिन्न कर्मचारी संगठनों के साथ 20 से अधिक बैठकें कर चुकी हैं। इसके साथ ही समिति ने विभिन्न राज्य सरकारों के आय के स्त्रोतों उन सरकारों के व्यय तथा इसके परिप्रेक्ष्य में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर पाने की संभावनाओं का आंकलन भी किया है।
केंद्र सरकार के सहयोग के बिना पेंशन देना संभव नहीं
प्रतिनिधियों ने बताया कि कांग्रेस किसी भी हालत में ओल्ड पेंशन शुरू करने के लिए सक्षम नहीं है। व्यय के स्त्रोतों का निर्धारण मुख्य रूप से केन्द्र शासन द्वारा किया जाता है। कोई भी राज्य सरकार बिना केन्द्र शासन की सहमति और सहयोग के ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी महती योजना का क्रियान्वयन अपने स्वंय के स्त्रोतों से कर पाने में समर्थ नहीं है।
केंद्र सरकार पेंशन स्कीम में कर रही बदलाव
भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के प्रतिनिधिमंडल ने कर्मचारी संगठनों की प्रतिनिधियों से चर्चा में बताया कि भारत सरकार सभी के हितों की रक्षा करते हुए नेशनल पेंशन सिस्टम को अधिक बेहतर बनाने के लिए आवश्यक संशोधन की दिशा में प्रयासरत है। केंद्र शासन और संगठन का यह प्रयास है कि शासकीय सेवकों को अधिक से अधिक पेंशन के लाभ सुनिश्चित हों और उनके परिवारों को संपूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्राप्त हो तथा वे सेवानिवृत्ति के बाद निश्चिंत और सुखद जीवन व्यतीत करें।
कांग्रेस का झूठ
मालूम हो कि कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों से वादा किया है कि अगर प्रदेश में उनकी सरकार बनती है तो कर्मचारी और अधिकारियों के लिए ओल्ड पेंशन प्रणाली लागू की जाएगी।
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