अभी तक सिर्फ समाचार पत्रों के लिए पंजीकरण कराना अनिवार्य है। न्यूज पोर्टल के लिए ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। अब केंद्र सरकार 'प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल' लाने जा रही है। इसके दायरे में डिजिटल मीडिया को भी लाया जाएगा।
डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने व अखबार के बराबर मानने के लिए केंद्र सरकार एक बिल लेकर आ रही है। इस बिल को कानूनी मान्यता मिलने के बाद न्यूज पोर्टल को भी अखबारों की तरह पंजीकरण कराना आवश्यक हो जाएगा। अभी तक यह नियम सिर्फ समाचार पत्रों पर ही लागू है। दरअसल, केंद्र सरकार 155 साल पुराने प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ बुक्स एक्ट को खत्म करने जा रही है। इसके स्थान पर 'प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल' लाया जाएगा। यह बिल समाचार पत्रों के लिए नई व आसान पंजीकरण व्यवस्था होगी, इसके तहत डिजिटल मीडिया को भी लाने की तैयारी है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार मानसून सत्र के दौरान ही इस बिल को पेश कर सकती है।
जानकारी के मुताबिक, यह विधेयक प्रेस और पुस्तकों के पंजीकरण (पीआरबी) अधिनियम, 1867 की जगह लेगा। इसके तहत मध्यम व छोटे प्रकाशकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल रखा जाएगा और प्रेस की स्वतंत्रता के मूल्यों को बनाए रखा जाएगा।
2019 में तैयार हुआ था मसौदा
सरकार ने 2019 में ही प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल बिल का मसौदा जारी किया था, जिसमें समाचार पत्रों के पंजीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने के अलावा डिजिटल मीडिया को अपने दायरे में लाने का प्रावधान है। 2019 के ड्राफ्ट बिल में 'डिजिटल मीडिया पर समाचार' को 'डिजीटल प्रारूप में समाचार' के रूप में परिभाषित किया था, जिसे इंटरनेट, कंप्यूटर, मोबाइल नेटवर्क पर प्रसारित किया जा सकता है। इसमें टेक्स्ट, ऑडियो, वीडियो और ग्राफिक्स शामिल हैं।
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