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20 October 2022

भारत-अमेरिका की सारी कोशिशें बेकार:चीन ने पिछले 5 महीने में पाक के 5 खूंखार आतंकियों को बचाया

 


चीन ने दो दिन में दूसरी बार पाकिस्तानी आतंकी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने से बचा लिया है। चीन ने 18 अक्टूबर को लश्कर आतंकी शाहिद महमूद को ब्लैक लिस्ट होने से बचाया। इसके बाद 19 अक्टूबर को मुंबई 26/11 आतंकी हमले के मास्टर माइंड हाफिज सईद के बेटे हाफिज तलहा सईद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित होने से बचा लिया। इसके लिए चीन ने वीटो पावर का इस्तेमाल किया।

तलहा पाकिस्तान का पांचवां आतंकी है जिसे चीन ने इस साल UNSC में ब्लैक लिस्ट होने से बचाया है। चीन ने यह अड़ंगा ऐसे समय लगाया है जब UN सेक्रेटरी जनरल एंटोनियो गुटेरेस भारत में हैं। इस दौरान उन्होंने मुंबई में 26/11 के हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी है। मुंबई में यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने ही किया था। भारत और अमेरिका ने 1267 अल कायदा सैंक्शन कमेटी के तहत शाहिद महमूद और हाफिज तलहा सईद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने के लिए यह प्रस्ताव पेश किया था।

कौन है शाहिद महमूद, जिसे चीन ने बचाया?

शाहिद महमूद लश्कर-ए-तैयबा के सबसे पुराने आतंकियों में से एक है। यह 2007 से ही लश्कर से जुड़ा है। 2013 में अमेरिकी सरकार के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने महमूद को लश्कर के पब्लिकेशन विंग का मेंबर बताया था।

अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने 2016 में बताया था कि महमूद का सबसे बड़ा मकसद भारत और अमेरिका पर हमला करना है। शाहिद महमूद 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड में से एक साजिद मीर का करीबी है। चीन ने पिछले महीने यानी सितंबर में मीर को भी UNSC में ब्लैक लिस्ट होने से बचाया था।

महमूद पहले साजिद मीर के नेतृत्व में लश्कर-ए-तैयबा की विदेशी ऑपरेशन टीम का हिस्सा रह चुका हैं। अगस्त 2013 में महमूद को बांग्लादेश और म्यांमार में इस्लामी संगठनों के साथ संबंध बनाने का निर्देश दिया गया था।

लश्कर के लिए पैसे भी जुटाता है

महमूद लश्कर के लिए फंड जुटाने का भी काम करता है। महमूद लश्कर-ए-तैयबा के विंग फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन यानी FIF के लिए भी काम कर चुका है।

लश्कर का यह संगठन मानवता के काम के नाम पर आतंकवाद के लिए धन जुटाने का काम करता है। महमूद ने जून 2015 से जून 2016 तक ने FIF के वाइस चेयरमैन के रूप में काम किया। महमूद 2014 तक कराची में FIF का प्रमुख था।

युवा रोहिंग्याओं का ब्रेनवॉश कर आतंकवादी बनाता है

2016 में अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने बताया था कि शाहिद महमूद बांग्लादेश भी जा चुका है। बांग्लादेश में इस दौरान वह रोहिंग्याओं के कैंप में गया और वहां के युवाओं को लश्कर-ए-तैयबा में भर्ती हाेने के लिए पैसे भी दिए।

भारत और बांग्लादेश की सरकारों ने कई फोरम में रोहिंग्याओं के आतंकी हाथों में जाने के जोखिम की बात कही है। इसमें कहा गया था कि म्यांमार में उत्पीड़न के शिकार माइग्रेंट में से कुछ पाकिस्तान और अफगानिस्तान में मौजूद आतंकवादी समूहों में शामिल हो सकते हैं।

महमूद लश्कर आतंकी मोहम्मद सरवर के साथ भी काम कर चुका है। दोनों ने 2010 में लश्कर और FIF की फंड रेजिंग यानी पैसे जुटाने के लिए गाजा, म्यांमार, बांग्लादेश, सीरिया और तुर्की की यात्रा की थी। माना जाता है कि इस दौरान यहां से कई युवाओं को लश्कर में भर्ती भी किया गया था।

अमेरिका शाहिद महमूद को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर चुका है

ओबामा प्रशासन के समय 2016 में अमेरिका ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने शाहिद महमूद के साथ मोहम्मद सरवार को भी ग्लोबल आतंकी घोषित किया था। महमूद, साजिद मीर, मक्की और सरवर ने कई आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए एक साथ काम किया है।

2020 में भारत सरकार ने लश्कर, हिजबुल, जैश और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकी गुटों के 18 प्रमुख कमांडरों के दाऊद इब्राहिम को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया था। इस लिस्ट में शाहिद महमूद का भी नाम था।

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