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15 December 2022

राहुल गांधी ने लिया रघुराम राजन का इंटरव्यू:पूछा- देश के 5 पूंजीपति लगातार अमीर हो रहे, जवाब- ऐसा नहीं होना चाहिए




आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने मिडल क्लास के हित के लिए नीतियां बनाने की वकालत की है। भारत जोड़ो यात्रा में राजन ने भी हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने मौजूदा और भावी आर्थिक मुद्दों पर रघुराम राजन से यात्रा के बीच एक खेत में बने मकान की छत पर इंटरव्यू किया।


राहुल गांधी ने राजन से कहा- आज की दुनिया में सब जगह नफरत फैली है। यूक्रेन से लेकर कई जगह देख लीजिए तो भारत इसमें दुनिया को दिशा दे सकता है। भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है। इस पर राजन ने कहा कि लोकतंत्र हमारी ताकत है। बहुत से देश हमारी तरफ देख रहे हैं कि इंडिया उदाहरण पेश कर सकता हैं।


राजन ने कहा कि आगे आने वाले वक्त में अब सर्विस सेक्टर में क्रांति आएगी। आज भारत में बैठकर अमेरिका में काम किया जा सकता है।


हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं

राजन ने कहा- कोरोना काल में काम-धंधे बंद होने की वजह से गरीब-अमीर के बीच असमानता और बढ़ गई है। लोअर मिडल क्लास को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, अपर मिडल क्लास को नुकसान नहीं हुआ है। सबसे गरीब को राशन मिलता है। अमीर को नुकसान नहीं हुआ है। लोअर मिडिल क्लास की तरफ हमें देखना है, हमें नीति उनके लिए बनानी चाहिए। हम पूंजीवाद के खिलाफ नहीं हो सकते हैं।


राहुल गांधी के रघुराम राजन से सवाल-जवाब


राहुल : क्या आप ग्रामीण राजस्थान को देखने आए थे?

राजन : नीमराना के पास के गांवों में देखा था, वहां कितनी फैक्ट्री आ गई हैं, कितना विकास हुआ है । विलेज ट्रांसफॉर्म दिख रहा है।


राहुल : मुझे याद है मैं जब 9 साल का था तब हम नीमराना पिकनिक पर आए थे, तब मधुमक्खियों ने हमला कर दिया था। मेरी मां ने कंबल ओढ़ाकर मुझे बचाया था?

राजन : वे प्रोटेक्टिव हैं।


राहुल :आप आज की इकोनॉमी को किस तरह देखते हैं?

राजन : इस साल दिक्कतें थी। ग्रोथ स्लो है, भारत का एक्सपोर्ट कम है। कमोडिटी की महंगाई है। महंगाई विकास में बाधक है। समस्या इकोनॉमिक ग्रोथ के नंबर्स की है। कोराेना के बाद दिक्कतें बढ़ी हैं और हमारी विकास दर को कम किया है। कोरोना महामारी से पहले भी हमारी विकास दर कम थी। हमने इसे पैदा किया है।


राहुल : देश में चार-पांच पूंजीपति लगातार अमीर हो रहे हैं। दो भारत बन रहे हैं, एक किसानों और गरीबों का और दूसरा इन पांच-छह पूंजीपतियों का। इस बढ़ती असमानता पर हमें क्या करना चाहिए?


राजन : यह बहुत बढ़ी दिक्कत है। कोरोना काल में अमीर क्लास की आय बढ़ गई, क्योंकि वे घर से काम कर सकते थे, लेकिन गरीब लोगों को फैक्ट्री जाना था, वह बंद हो गई थी। फैक्ट्री बंद होने से मासिक आय बंद हो गई। इससे यह असमानता और बढ़ गई है।


राहुल : मोनोपॉली के खिलाफ हो सकते हैं?

राजन : मोनोपॉली के खिलाफ हो सकते हैं । छोटे बिजनेस अच्छे हैं, बड़े बिजनेस भी अच्छे हैं, लेकिन किसी का एकाधिकार ठीक नहीं है।


राहुल : दूसरी हरित क्रांति हो सकती है क्या?

राजन : दूसरी ​हरित क्रांति बिल्कुल हो सकती है। हमें अब नए तरीके से सोचना होगा। प्रोसेसिंग पर ध्यान देना होगा। यहां का लेबर यूज करना चाहिए जो सस्ता है। खेत के प्रोसेसिंग यूनिट लगे, इससे एनर्जी बचेगी, बिजली डीजल की खपत कम हो जाएगी।


राहुल : अमेरिका और बाकी दुनिया में क्या हो रहा है?

राजन : अमेरिका में महंगाई बढ़ रही है। सेंट्रल बैंक ब्याज दरें बढ़ा रहे हैं। इससे भारत से निर्यात कम हो जाएगा। हमारे उत्पादन की गति कम हो जाएगी।


राहुल : महाराष्ट्र में जब मैं गुजरा तो वहां लोग कह रहे थे कि बांग्लादेश ने एक्सपोर्ट पॉलिसी से बहुत कुछ किया है, इस पर हमें क्या करना चाहिए ?

राजन : एक तो उनका सबसे अहम इंडस्ट्री टैक्सटाइल हैं, कपड़े बनाते हैं और बेचते हैं। बांग्लादेश ने बड़ी इंडस्ट्री को अलाउ किया। वहां लेबर महिलाएं हैं। बड़े पैमाने पर भर्तियां कीं।


राहुल : बेल्लारी में जींस प्रोडक्शन का बड़ा सेंटर है, बड़ा काम था। वहां 4.5 लाख से ज्यादा लोग इस काम में लगे हुए थे। घरों में जींस की सिलाई होती थी, जॉब वर्क पर काम चलता था।

जीएसटी नोटंबदी ने सब खत्म कर दिया। अंग्रेजों के टाइम से इंडस्ट्री है। आज वहां 50 हजार रह गए।

राजन : इस सेक्टर को सस्ते कर्ज देने चाहिए। सरकारी पॉलिसी में एकरूपता रहनी चाहिए, ऐसा नहीं हो कि आज कुछ है और बाद में बदल जाए।


राहुल : आप आरबीआई में थे, एक पूंजीपति 2 लाख करोड़ का कर्ज ले सकता है, लेकिन छोटा बिजनेस वाला बैंक लोन लेने जाता है तो बिल्कुल इग्नोर कर दिया जाता है, यह होता क्यों है और इसे बदल कैसे सकते हैं?

राजन : बदल सकते हैं , छोटे बिजनेस हाउस हैं, उनका तो एक रेवेन्यू स्ट्रीम है। फिनटेक के बाद इस दिशा में काम शुरू हो गया है।


राहुल : भारत में एक भी कंपनी नहीं जो पहले छोटी थी और अब बड़ी हो गई। यूएस में पांच-सात साल में छोटी कंपनी बड़ी हो जाती है। यह भारत में क्यों नहीं होता?

राजन : आप बिल्कुल ठीक हैं। ग्रोथ के लिए अवसर चाहिए। जब आप ग्रोथ करना शुरू करते हैं तो सरकार मदद करती हैं इससे छोटे बिजनेस बढ़ते हैं।


राहुल : स्माॅल बिजनेस को बड़ा करने का हल्दीराम सबसे बड़ा उदाहरण हैं?

राजन : हमें कई हल्दीराम चाहिए। छोटी फर्म बडे़ रोजगार दे सकते हैं।


राहुल : किसान कहते हैं कि जैसे ही उनकी फसल आती है कॉमर्स मिनिस्ट्री एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट पॉलिसी पर फैसला करती है और उनकी फसल के दाम गिर जाते हैं?​

राजन : यह बहुत बड़ी समस्या है, हम कहते रहते हैं कि किसान के लिए हम हैं, लेकिन एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट पॉलिसी उसके लिए नहीं है। प्याज के दाम बढ़ते हैं, दाम गिर जाते हैं, बेचारे किसान को नुकसान होता है। एक्सपोर्ट इम्पोर्ट की टिकाऊ पॉलिसी होनी चाहिए। अगर दाम बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं तो इम्पोर्ट कर सकते हैं, एक्सपोर्ट पर रोक नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि किसान का नुकसान होता है।


राहुल : बेरोजगारी भारी समस्या है, इसका क्या समाधान है?

राजन : लोग सरकारी नौकरी चाहते हैं, क्योंकि वहां जॉब सिक्योरिटी है। लेकिन सरकारी जॉब में बहुत कम लोग काम कर सकते हैं। ओपन भी करते हैं तो केवल 1 फीसदी रोजगार ही मिल पाएगा। हमें प्राइवेट सेक्टर को आगे बढ़ाना होगा। प्राइवेट सेक्टर और एग्रीकल्चर में टेक्निक ले आएं तो रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। हमें सर्विस सेक्टर को देखना चाहिए, वहां रोजगार पैदा होंगे। कोरोना काल में बहुत बच्चे स्कूल नहीं गए, वे अपनी क्लास में तीन साल पीछे हो गए हैं। हमें इन पर ध्यान देना होगा।


राहुल : छोटे कारोबार को सपोर्ट नहीं मिलता?

राजन : नोटबंदी के कारण बहुत से उद्योग-धंधे बंद हो गए। जीएसटी की वजह से भी दिक्कतें हैं। इकोनॉमी बंद हो गई। इसके बाद बड़े फर्म अच्छा कर रही हैं, लेकिन छोटे कारोबार मुश्किल हालात में हैं।


राहुल : पहले सफेद क्रांति, हरित क्रांति, कंप्यूटर क्रांति हुई, आगे कौनसी क्रांति हो सकती है?

राजन : आगे सर्विस रिवोल्यूशन होगा। हम अमेरिका गए, बिना अमेरिका काम कर सकते हैं। डॉक्टर टेली मेडिसन से यहां बैठकर अमेरिका में इलाज दे सकता है । हमें अब नए टाइप की हरित क्रांति चाहिए। हमें सोलर प्लांट , ग्रीन बिल्डिंग चाहिए। हमारे पास अनेकों अवसर हैं।


राहुल : संसद के सुरक्षा गार्डों से दोस्ती हैं, मैने पूछा क्या कर रहे हो। उसने कहा कि बहुत मजा आ रहा है, उसने स्टॉक खरीदे हैं, उसमें उनके पैसे बन रहे थे। सैलरी क्लास को स्टॉक में पैसा लगाने में उसे रिस्क हैं। आर्थिक रूप से कमजोर लोग भी स्टॉक में पैसा लगा रहे हैं। नया​ रिटेल इंवेस्टर पैसा डाल रहा है, आप क्या साेचते हैं?

राजन : वो समझते नहीं कि इसमें रिस्क कितना है। उनके पास थोड़ा पैसा है, रिटर्न अच्छा है तो वो भी यहां डाल रहे हैं। वो यह नहीं देखते कि अच्छा रिटर्न किस वजह से है। अमेरिका में क्रिप्टो का मामला हुआ, उसका रिटर्न शानदार था। बिटकॉइन दो तीन डॉलर से 67 हजार डॉलर तक गया, फिर नीचे आ गया। ज्यादातर गरीब लोग तब खरीदते हैं जब कीमतें हाई लेवल पर हों, अमीर लोग उस वक्त बेचते हैं।


राहुल : इंफाॅर्मेशन की समस्या गरीब लोगों किसानों के बीच है। इंफाॅर्मेशन दी नहीं जाती या मिलती नहीं?


राजन : हम कहते हैं कि उपभोक्ता राइट होने चाहिए। उपभोक्ता को पूरी जानकारी मिलनी चाहिए। कंज्यूमर काननू को और मजबूत बनाना चाहिए।


राहुल : क्या आप इसे इंजॉय कर रहे हैं?

राजन : बिल्कुल, इंजॉय कर रहे हैं। आप सांप्रदायिक सौहार्द और शांति के लिए पदयात्रा पर जा रहे हैं ,इसकी देश को जरूरत है। भारत को जोड़ना है।


राहुल : शांति,भाईचारे से फायदा होता है?

राजन : आपने एक भाषण में कहा था कि दो भाइयों के बीच संघर्ष से घर नहीं बच सकता। कई लोग बातें करते हैं कि माइनोरिटी को दबाना है, आंतरिक संघर्ष है।


राहुल : आज की दुनिया में सब जगह नफरत फैली है। यूक्रेन से लेकर कई जगह देख लीजिए तो भारत इसमें दुनिया को दिशा दे सकता है। भारत बड़ी भूमिका निभा सकता है।

राजन : लोकतंत्र हमारी ताकत है। बहुत से देश हमारी तरफ देख रहे हैं कि इंडिया उदाहरण पेश कर सकता हैं।

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