बैठक में प्रदेश की 47 आदिवासी आरक्षित सीटों पर विशेष फोकस बनाने और आदिवासी क्षेत्रों में विधायकों और आदिवासी नेताओं के सक्रिय रहने को लेकर चर्चा हुई। साथ ही आदिवासियों की मांगों और समस्याओं को वचन पत्र में शामिल करने को लेकर भी बात हुई। बैठक मैं कांग्रेस के सभी विधायकों के साथ-साथ पूर्व मंत्री बाला बच्चन, ओमकार सिंह मरकाम, विधायक कांतिलाल भूरिया पांची लाल मेड़ा और कांग्रेस के आदिवासी विभाग के पूर्व अध्यक्ष अजय शाह भी शामिल हुए। आपको बता दें कि, बैठक में कांग्रेस के सभी आदिवासी विधायक शामिल हुए केवल उमंग सिंगार बैठक से अनुपस्थित रहे। हालांकि विभाग के पूर्व अध्यक्ष अजय शाह का कहना है कि, जो एक विधायक अनुपस्थित रहे हैं उन्होंने अपनी समस्या पहले ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अमरनाथ जी को बता दी थी।
24 January 2023
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आदिवासी सीटें बनी कांग्रेस के लिए चुनौती
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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