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09 January 2023

प्रवासी भारतीय विदेश की धरती पर भारत के राष्ट्रदूत

इंदौर। जब हमारा विश्व आकलन करता है, तो सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसीलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत यानी ब्रैंड एम्बेस्डर कहता हूं। ये कहना है प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी का। वे सोमवार को इंदौर में 17 वें प्रवासी भारतीय सम्मलेन के दूसरे दिन आयोजित कार्यक्रम को संबोधिक कर रहे थे। 


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इंदौर दुनिया में लाजवाब है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। 

इसके पहले ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर के ग्रैंड हॉल में मोदी जब मंच पर पहुंचे तो हॉल मोदी-मोदी के नारों से गूंज उठा। उन्होंने कहा, आप सभी को 2023 की मंगलकामनाएं। 4 साल के बाद यह सम्मेलन एक बार अपने मूल स्वरूप और भव्यता के साथ हो रहा है। अपनों से आमने-सामने की मुलाकात, बात का अलग आनंद और महत्व होता है। उन्होंने NRI को कहा एमपी में मां नर्मदा का जल, जंगल, आदिवासी परंपरा यहां बहुत कुछ है जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। उज्जैन में भी भव्य महाकाल लोक का विस्तार हुआ है। आप सभी वहां जाएं और महाकाल का आशीर्वाद लें।

इंदौर अद्भुत, समय से आगे चलता है

इंदौर की तारीफ करते हुए कहा PM ने कहा कि इंदौर अद्भुत है। इंदौर समय से आगे चलता है, फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद, साबूदाने की खिचड़ी, कचौरी, समोसे, शिकंजी ...जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका। जिसने इन्हें चखा, उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और दूसरों को भी अपने देश जाकर बताना नहीं भूलेंगे।

कॉमन तस्वीर दिखती है

दुनिया के अलग-अलग देशों में भारत के लोगों की एक कॉमन तस्वीर दिखती है, तो वासुदेव कुटुम्बकम की भावना उसके साक्षात दर्शन कराती है। दूसरे देशों में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोग मिलते हैं, तो एक-भारत, श्रेष्ठ भारत का अहसास होता है। दुनिया में जब सबसे अनुशासित और शांतिप्रिय लोगों की चर्चा होती है, तो मदर ऑफ डेमोक्रेसी का गौरव बढ़ जाता है। 

पूरा संसार ही हमारा देश है

हमारे यहां कहा जाता है- स्वदेशो भुवन प्रयम, अर्थात हमारे लिए पूरा संसार ही हमारा देश है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के सांस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था। हम दुनिया के अलग-अलग कोनों में गए। हमने सदियों पहले वैश्विक व्यापार की बुनियाद खड़ी की थी। हम विदेश गए। अलग-अलग देशों अलग-अलग सभ्यताओं के बीच वैश्विक व्यापार से कैसे समृद्धि के रास्ते खोल सकते हैं? भारत ने और भारतीयों ने करके दिखाया। आज अपने करोड़ों प्रवासी भारतीयों को जब हम ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती हैं।

इस साल भारत दुनिया के जी-20 समूह की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को एक बड़े अवसर के रूप में देख रहा है। हमारे लिए यह दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है कि ये दुनिया के लिए भारत के अनुभवों से सीखने का अवसर है। हमें जी-20 केवल एक डिप्लोमेटिक इवेंट नहीं, बल्कि जनभागीदारी का आयोजन बनाना है।

 शिवराज बोले- हॉल छोटा पड़ गया, दिल में बहुत जगह

इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्वागत संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री के विजन और मार्गदर्शन से हमें अपने लक्ष्य हासिल करने में सफलता मिलेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, आजादी के अमृत काल में मुझे ऐसा लग रहा है कि मध्यप्रदेश में अमृत वर्षा हो रही है। इंदौर ने अपने दिल के दरवाजे भी खोले हैं और अपने घरों के दरवाजे भी खोले हैं। प्रधानमंत्री के एक-एक मंत्र को मध्यप्रदेश ने साकार करने की कोशिश की है। आज भारत दुनिया को शांति और प्रेम का संदेश दे रहा है। पश्चिमी देश और रूस से अगर कोई कह सकता है तो वे केवल नरेंद्र मोदी जी हैं, जिन्होंने कहा कि युद्ध नहीं, शांति चाहिए। सीएम ने कहा- भारत में दो नरेन्द्र हुए हैं... 100 साल पहले एक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद जी थे जिन्होंने भारत को विश्व गुरु बताया था। आज दूसरे नरेंद्र के नेतृत्व में ये कार्य हो रहा है। विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर है। माफी चाहता हूं, हॉल छोटा पड़ गया, लेकिन दिल में जगह की कमी नहीं है।

सुरीनाम के राष्ट्रपति बोले, हमारे देश में हम हिंदी लैंग्वेज ट्रेनिंग पर काम कर रहे

सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी ने अपनी स्पीच की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम कर की। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री आपको हृदय से मेरा नमस्कार और प्रणाम। हम अपने देश में हिंदी लैंग्वेज, यहां के कल्चर, आयुर्वेद पर ट्रेनिंग सेंटर बनाने पर काम कर रहे हैं। हिंदी लैंग्वेज के स्कूलों पर भी हमारा फोकस है। ये एक मेमोरेबल पल है। जननी और मातृभूमि स्वर्ग से भी बढ़कर होती है। सूरीनाम की जनता की ओर से मैं मध्यप्रदेश और भारत सरकार का आभार प्रकट करता हूं, जो आदर-सत्कार मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल को मिला है। यह सम्मेलन हम दोनों देशों के आपसी सहयोग को बढ़ाने में मददगार साबित होगा।

 हमारे बीच दूरियां, लेकिन दिल-आत्माएं जुड़ी हैं- इरफान अली

गुयाना के राष्ट्रपति मोहम्मद इरफान अली ने कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। खासकर वैक्सीनेशन की। उन्होंने मोदी के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को भी सराहा। उन्होंने कहा कि इसके बिना कोई भी आगे नहीं बढ़ सकता। महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि इंडिया का फ्रीडम स्ट्रगल दूसरे देशों के लिए इंस्पायरिंग है। मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे। 107 साल पहले शारीरिक रूप से कमजोर दिखने वाले, लेकिन मानसिक रूप से दृढ़ गांधी घर लौटे थे। उन्होंने देश को आजाद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। भारत प्रतिभाओं को निखारने में दुनिया में नंबर एक है। हम प्रवासियों के लिए भारत के चलाए जा रहे कार्यक्रमों से काफी कुछ सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि हमारे बीच दूरियां बहुत हैं, लेकिन दिल और आत्माएं जुड़ी हुई हैं। मैं यहां भारतीयों के मिले प्रेम का आभारी हूं। गुयाना के लोगों का प्यार और सपोर्ट आपके साथ है।

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