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07 January 2023

नौजवानों पर सभी दलों की नजर

विधानसभा चुनाव में होंगे निर्णायक साबित

भोपाल। मध्यप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव में नौजवान मतदाता सरकार बनाने में 52 फीसदी की हिस्सेदारी रखेंगे। यही कारण है कि अब राजनैतिक पार्टियां युवाओं को लुभाने में लग गईं हैं। एक तरफ जहां एमपी की शिवराज सरकार युवाओं को फोकस करते हुए नई-नई योजनाएं बना रही है, तो वहीं कांग्रेस बेरोजगारी और युवाओं के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लगी है।
दरअसल मध्यप्रदेश में 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या 2.83 करोड़ है, जो कुल मतदाताओं की संख्या का करीबन 52 फीसदी है। मध्यप्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार है, वहीं 11 लाख 81 हजार वोटर ऐसे हैं जो पहली बार अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। इस तरह कहा जा सकता है कि युवा वोटर प्रदेश की नई सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं, यही वजह है कि सरकार बेरोजगारी जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संजीदा है। विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी मुद्दा न बने, इसके लिए प्रदेश सरकार पहले से ही जुट गई है। प्रदेश में 1 लाख 10 हजार पदों पर भर्तियां की जा रही हैं, जो अगस्त माह तक पूरी कर ली जाएंगी। साथ ही सरकार की कोशिश इन भर्तियां को डेढ़ लाख तक पहुंचाने की है, इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में रोजगार के लिए लगातार रोजगार मेला का आयोजन किया जा रहा है। पिछले साल सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ-विक्रेता योजना, संत रविदास स्व-रोजगार योजना, मुख्यमंत्री युवा इंटर्नशिप योजना, मुख्यमंत्री युवा अन्नदूत योजना, प्राथमिक प्रसंस्करण केन्द्र की स्थापना जैसे कई योजनाएं शुरू की गई है. वहीं प्रदेश सरकार इसी माह युवा नीति भी लाने जा रही है। हालांकि मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट के जरिए युवाओं को रोजगार मिलेगा मगर कांग्रेस पार्टी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनावी माहौल बनाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस भी हमलावर

इधर कांग्रेस लगातार प्रदेश सरकार को बेरोजगारी के मुद्दे पर कटघरे में खड़ा कर रही है, पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने आरोप लगाया कि, प्रदेश में आने वाली कंपनियों में प्रदेश के युवाओं को रोजगार के मौके नहीं मिल पा रहे, जबकि सरकार दावा करती है कि प्रदेश में आने वाली कंपनियों में सिर्फ प्रदेश के युवाओं को ही मौके मिलेंगे। जबकि हकीकत यह है कि सिर्फ कुछ फीसदी प्रदेश के युवाओं को रोजगार मिल पा रहा है, प्रदेश में करीबन 29 लाख पंजीकृत बेरोजगार हैं, सरकार को सभी को रोजगार देना चाहिए।
विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों राजनीतिक पार्टी अब युवाओं पर फोकस करती दिखाई दे रही है । अब देखना होगा कि 2023 के चुनाव में युवा वोटर किस पार्टी को सत्ता के शासन में विट्ठल ने की इच्छा रखती है।


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