मंडला। प्रदेश सरकार की लाख कोशिशों के बाउजूद आदिवासी मजदूरों के साथ छलावा व बंधक बनाए जाने की घटनाएं रुकने का नाम नही ले रही है। भोले भाले आदिवासी मजदूरो को दलालों द्वारा ज्यादा मजदूरी का लालच देकर अन्य राज्यो की बड़ी बड़ी फैक्ट्रियों व बड़े बड़े काश्तकारों को सौंप कर वहाँ से अपना कमीशन लेकर चकते बनते है। हप्ता या महीना पूरा होने पर जब आदिवासी मजदूरों द्वारा मजदूरी मांगी जाती है तो फैक्ट्री मालिक व काश्तकारों द्वारा उनको प्रताड़ित कर बंधक बंधक बना लिया जाता है- ऐसा ही एक मामला मंडला जिले के निवास थाना क्षेत्र से सामने आया है।
जानकारी अनुसार बतादें निवास विकासखंड क्षेत्र के 03 गांव मुरलापानी, पड़रिया, और छपरा से एक दलाल द्वारा 24 मजदूरों को 400 रुपये प्रति दिन की मजदूर के हिसाब से पास ही के जिले बालाघाट में मजदूरी दिलाने के नाम पर ले गया था लेकिन बालाघाट जाकर उक्त दलाल ने बोला यहाँ पर काम नही है तो वह दलाल सभी मजदूरों को कर्नाटक ले गया जहाँ पर उसने एक बड़े कृषक के यहाँ खेत में मजदूरी दिलाने का काम दिला दिया और मजदूर लेने जारहा हूँ यह कह कर वहाँ से चला आया जब मजदूरों ने उक्त दलाल से संपर्क किया तो कहा तुमको हर हप्ते मजदूरी मिलती रहेगी भोले भाले आदिवासी मजदूर उसकी बातों में आकर अपने काम पर लग गये। लेकिन एक हप्ता होने पर जब मजदूरों ने अपनी मजदूरी माँगी तो उनको अगले हप्ते की बोल दिया गया जब मजदूरों ने अगले हप्ते मजदूरी मांगी तो सभी को प्रताड़ित कर डरा धमकाने लगे ये सब झेलते झेलते उनको दो माह हो गये जैसे तैसे मजदूरों ने अपने परिजनों से संपर्क किया और परिजनों ने पूरा मामला जिले की निवास पुलिस को बताया वही निवास पुलिस ने सक्रीयता दिखाते हुए कर्नाटक पुलिस से संपर्क किया जिसके बाद कर्नाटक प्रदेश के आनंद जिले के सिंगरौली थाना क्षेत्र की पुलिस अपन्ना गांव पहुँची वहाँ पर सभी मजदूर एक खेत में काम करते हुए दिखाई दिए वहाँ की पुलिस ने सभी मजदूरों को मुक्त कराते हुए निवास के लिए रवाना किया।
मजदूरों ने बताई आप बीती
मजदूर गिरजा सिंह भवेदी सहित अन्य मजदूरों ने बताया कि मंडला जिले के महाराजपुर निवासी एक युवक तीन गांव के 24 लोगो को बालाघाट में प्रति व्यक्ति प्रति दिन 400रु की मजदूरी की कह कर ले गया था लेकिन जब बालाघाट में काम नही मिला तो बो हमें कर्नाटक के आनंद जिले अन्नपा गांव ले गया जहाँ पर उसने हमसे खेतो में मजदूरी कराई और पैसे मांगने पर हमें प्रताड़ित किया जब हम अपने घर बापिस आने की कहने लगे तो खेत मालिक ने हमें बंदक बना लिया। जैसे तैसे हम कर्नाटक से अपने घर गांव आए है और हमने निवास थाने में सबंधित लोगो के खिलाप शिकायत की है।
दो दर्जन मजदूरों को ले गए थे
वही निवास थाना प्रभारी ने बताया कि मंडला के महारापुर निवास मंगल सिंह नामक एक युवक मुरलापानी, पड़रिया, छपरा गांव के करीब दो दर्जन मजदूरों को नागपुर के रास्ते कर्नाटक मजदूरी कराने ले गया था लेकिन इनको वहाँ पर मजदूरी नही मिली जिसकी लिखित शिकायत इन्होंने थाने में की है जिसके आधार पर जांच की जारही है संबंधित लोगो के खिलाप सख्त कार्यवाही की जाएगी।
07 January 2023
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कर्नाटक में बंधक मजदूर पहुँचे अपने घर
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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