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02 February 2023

परीक्षण के बाद शालिग्राम शिलाओं से बनेगी प्रतिमाएं

 अयोध्या। नेपाल से चली शालिग्राम शिलाएं रामनगरी पहुंच गई हैं । लेकिन अभी यह फाइनल होना बाकी है कि राम लला का विग्रह इसी से बनेगा या नहीं । मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने बताया कि मूर्ति निर्माण के विशेषज्ञ इसका परीक्षण कर इसकी उपयोगिता के बारे में अपनी राय देंगे।

उन्होंने कहा कि शिलाओं के परीक्षण में पता चलेगा कि इसका भीतरी हिस्सा कैसा है। चंपत राय ने बताया कि प्रॉयोरिटी शालिग्राम शिलाओं से ही राम लला के विग्रह को गढ़ने की है। लेकिन अगर कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो विकल्प के तौर पर ओडिशा और कर्नाटक से भी पत्थर की शिलाओं को मंगाया जा रहा है। सभी शिलाओं का परीक्षण विशेषज्ञ टीम 2 महीने के अंदर कर लेगी। जिसकी रिपोर्ट पर राम लला के विग्रह के निर्माण के बारे में ट्रस्ट की बैठक में फाइनल निर्णय किया जाएगा। नेपाल से चलीं शालिग्राम शिलाएं बुधवार रात रामनगरी पहुंच गई हैं। दो ट्रकों से एनएच-27 से अयोध्या के अंडरपास पर मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, सदस्य डॉ. अनिल मिश्र और महंत दीनेंद दास दोनों शिलाओं का स्वागत कर इन्हें प्राप्त किया। शालिग्राम की इन शिलाओं को रामलला के विग्रह के निर्माण के लिए नेपाल की गंडकी नदी से निकाल कर लाया गया है। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के अनुसार दोनों शिलाओं को गुरुवार को कारसेवक पुरम के पास स्थित राम सेवक पुरम में संतों द्वारा पूजन-अर्चन का कार्यक्रम है। उन्होंने बताया कि मूर्ति निर्माण के विशेषज्ञ इन शिलाओं का परीक्षण करेंगे कि ये राम लला के विग्रह के निर्माण के लिए कितनी उपयुक्त रहेंगी। उन्होंने बताया कि विकल्प के तौर पर कर्नाटक और ओडिशा से पत्थर मंगाए जा रहे हैं। जहां शालिग्राम की शिला श्याम रंग की है वहीं अन्य प्रांतों की शिलाओं का रंग इससे अलग हो सकता है। उनका भी विशेषज्ञ परीक्षण करने के फाइनल करेंगे कि किस पत्थर से राम लला के विग्रह का निर्माण संभव होगा। लेकिन प्रॉयोरिटी शालिग्राम के शिलाओं की रहेगी दो माह के अंदर शिलाओं के परीक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा।रामलला के विग्रह निर्माण के लिए पहुंची शिलाओं के साथ नेपाल के जनकपुर के मेयर मनोज कुमार साह और नेपाल के पूर्व गृह मंत्री विमलेंद्र निधि भी अयोध्या पहुंचे हैं। नेपाल के पूर्व मंत्री विमलेंद्र निधि ने बताया कि जो शिलाएं अयोध्या लाई गई हैं। उनका आर्कियोलाजी विभाग से पूरी तरह से परीक्षण करवा कर ही चयनित किया गया है ये शिलाएं उच्च कोटि की हैं।

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