Breaking

01 February 2023

शिवराज ने कमलनाथ से पूछा, क्यों नहीं भरा पुरानी फसल बीमा योजना का प्रीमियम

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते कई दिनों पूर्व सीएम कमलनाथ से लगातार सवाल कर रहे हैं। इतना ही इतना ही ही सीएम सवाल पर नाथ पर भी पलटवार कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज शिवराज ने नाथ से सवाल कर पूछा है कि जब मप्र में 15 महीने कांग्रेस की सरकार में नई फसल बीमा योजना लाने का जनता को भरोसा दिलाया था, जबकि पुरानी जबकि पुरानी का ही प्रीमियम नहीं भरा गया।

शिवराज ने तंज कसते हुए कहा कि पहले उन्होंने जो झूठे वादे किए वह पूरे हुए नहीं, अब कई वादे फिर करने लगते हैं इसलिए सच्चाई जनता के सामने
होनी चाहिए। कल मैंने झूठ का पुलिंदा सामने फहराया था। उन्होंने अपने वचन पत्र में कहा था कांग्रेस नवीन फसल बीमा योजना लाएगी। नई फसल बीमा योजना लाना तो दूर उन्होंने पुरानी बीमा का ही प्रीमियम ही नहीं भरा। इस वजह से कांग्रेस की सरकार में किसानों को फसल बीमा का लाभ नहीं मिला था।
जवाब तो देना पड़ेगा
मुख्यमंत्री बनते ही मैंने फसल बीमा का राज्य का अंश 22 सौ करोड़ रुपए सबसे पहले जमा किया था। जिसके बाद 3 हजार करोड़ रुपए किसानों को फसल बीमा योजना के मिले थे। जिन्होंने किसानों को धोखा दिया। नई योजना क्यों नहीं लां और पुरानी का प्रीमियम क्यों नहीं भरा। इसका जवाब दें। मैं हरि भजन की बात करता हूं, वह कपास ओटने लगते हैं। अब तक एक भी सवाल का जवाब उन्होंने जनता को नहीं दिया। मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि वह झूठ बोलते हैं। सीएम ने कहा कि जवाब तो देना पड़ेगा।

जनता के सवालों से भाग नहीं सकते शिवराज: नाथ
वहीं, कमलनाथ ने पलटवार कर कहा कि बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवज की तीसरी किश्त आज तक किसानों को क्यों नहीं मिली? लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाकर गद्दी पर बैठे शिवराज सिंह चौहान जब कागज की पर्चियां लेकर मुझसे सवाल करते हैं तो मध्य प्रदेश की जनता हंसती है कि देखो, 18 साल से कुर्सी पर बैठा मुख्यमंत्री जिम्मेदारी से भाग रहा है। नाथ ने कहा कि शिवराज जी आप मध्य प्रदेश की जनता के सवालों से भाग नहीं सकते, आपने दृष्टि पत्र में घोषणा की थी कि किसी भी अप्रत्याशित नुकसान पर किसानों को अविलंब मुआवजा देने के लिए व्यवस्था की जाएगी। क्या आप ने किसानों को अविलंब मुआवजा दिया? 2020 में कीट व्याधि और बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की तीसरी किस्त आज तक किसानों को क्यों नहीं मिली?

No comments:

Post a Comment

Pages