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24 March 2023

कमलनाथ को घेरने कल छिंदवाड़ा जाएंगे शाह


छिंदवाड़ा।
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह शनिवार यानि 25 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का गढ़ माने जाने वाले छिंदवाड़ा के दौरे पर आ रहे हैं। वह छिंदवाड़ा पुलिस ग्राउंड में एक विशाल आदिवासी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। जिसकी तैयारियां छिंदवाड़ा जिला प्रशासन द्वारा व्यापक तरीके से की जा रही है। तय कार्यक्रम केअनुसार शाह आंचल कुंड धाम के दर्शन को भी जाएंगे। आंचल कुंड धाम हर्रई विकासखंड के ग्राम बटकाखापा के पास स्थित है। जो आदिवासियों की आस्था का प्रमुख केन्द्र बिंदु भी माना जाता है।

जिला भाजपा अध्यक्ष विवेक बंटी साहू के मुताबिक 25 मार्च को अमित शाह नागपुर से हेलीकाप्टर से रवाना होकर 2:10 आंचलकुंड पहुंचेंगे। वह 2:40 बजे तक पूजा अर्चना करेंगे। 3 बजे एसएएफ मैदान पहुंचेंगे। 3:10 बजे सभा स्थल पुलिस ग्राउंड पहुंचेंगे। 4:10 बजे यानी एक घंटा वे सभा करेंगे। 4:15 पर वह पुलिस ग्राउंड से रवाना होकर 4:25 बजे भाजपा कार्यालय पहुंचेंगे। यहां 5:15 बजे तक करीब 50 मिनट बैठक कर वे एसएएफ ग्राउंड से 5:25 बजे नागपुर के लिए रवाना होंगे।


 200 सालों से जल रही अखंड ज्योति

बताया जाता है कि विकासखंड के ग्राम बटकाखापा के पास स्थित आंचल कुंड धाम में दो मंजिला ऊंचे इस मंदिर में धूनीवाले दादा जी का दरबार सजा हुआ है। इस पावन दरबार में लगभग 200 सालों से अखंड धूनी जल रही है, जिसकी भभूति से लोगों की पीड़ा और सभी समस्याओं का अंत होता है। यहां पर एक कुंड भी है। धूनीवाले दादाजी आज भी यहां लोगों के दुख-दर्द दूर करते हैं तथा हर व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण होती। आंचल कुंड धाम में एक जनवरी को मेला लगता है, जहां काफी संख्या में लोग इस धाम में पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं।


निशुल्क भंडारे का आयोजन

14 जनवरी मकर सक्रांति पर्व, 30 जनवरी शिष्य सम्मेलन महाशिवरात्रि पर्व नौतपा साधना कार्यक्रम होता है, जो 25 मई से नौवें दिन 2 जून तक चलता है। गुरु पूर्णिमा एवं रतनदास महाराज की बरसी, गंगा पंचमी आदि विशेष मौके पर दरबार में नि:शुल्क भंडारे का आयोजन होता है। जिसमें श्रद्धालुओं की संख्या सुबह से शाम तक 10000 से 20000 तक से अधिक पहुंच जाती है। 20 अगस्त 2000 को रतन दास जी महाराज के समाधि होने पर गंगा पूजन भोज में 50000 से भी अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित हुई थी।


शंकराचार्य ने किया था मंदिर का उद्घाटन

मंदिर का निर्माण पूर्ण होने पर रतनदास जी महाराज की इच्छा थी कि मंदिर का उद्घाटन जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद महाराज के कर कमलों से हो, जिसका संयोग रतनदास जी महाराज के द्वारा समाधि स्थल होने पर बना और इस विशाल एवं भव्य मंदिर का उद्घाटन साप्ताहिक महायज्ञ के दौरान दिनांक 15 जनवरी 2001 को जगद्गुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद महाराज के कर कमलों द्वारा ही संपन्न हुआ।


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