प्रदेश में कांग्रेस को मिली सत्ता जाने के बाद इस बार पूरी कोशिश होगी कि पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाए। इसके लिए पार्टी ने उम्मीदवारों को टिकट देने के लिए फॉर्मूला भी बना दिया है। लगातार हारने वाली सीटों पर सबसे पहले प्रत्याशियों की घोषणा होगी। माना जा रहा है कि कांग्रेस करीब 80 सीटों पर जून में उम्मीदवार उतार देगी। 17 अप्रैल को पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बड़ी बैठक बुलाई है... इस बैठक में फाइनल रणनीति तैयार होगी।
40 सीटों पर इस महीने बन सकती है सहमति
हारी हुई सीटों पर कांग्रेस का फोकस
सूची जारी होने से पहले ही हुई सियासत शुरू
हारी हुई सीटों पर कांग्रेस ने दिग्गज नेता तो बीजेपी संगठन पदाधिकारियों को सौपी जिम्मेदारी
जून में तय कर लेंगे नाम
वहीं इस पर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का कहना है कि अलग-अलग दिशा में दिग्विजय सिंह जिस तरह 66 सीटों पर जा रहे हैं कमलनाथ जी अलग सीटों पर जा रहे हैं और हम लोग अलग सीटों पर जाकर जांच पड़ताल कर रहे हैं। और उन कठिन सीटों पर हम हम जून तक काफी नाम तय कर लेंगे सर्वे चल रहा है जून के आखिरी वक्त में इन कठिन सीटों पर लगभग उम्मीदवार तय कर दिए जाएंगे।
नरोत्तम ने कसा तंज
बीजेपी ने इस पर तंज कसा है गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि यह जून की बात इसलिए कहते हैं कि लोगों की भीड़ बनी रहे इनके पास। हम और आप सामने हैं जून में अगर वह जून में सूची जारी करते हैं तब मुझे टोकना।
दोनों के लिए जीत जरूरी
विधानसभा चुनाव 2023 में विजय हासिल करना कांग्रेस - भाजपा दोनों के लिए ही जरुरी है। बीजेपी इन चुनावों को जीतकर अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों की राह आसान करना चाहेंगी। वहीं कांग्रेस कर्नाटक चुनाव के बाद मप्र जीतकर भाजपा को तगड़ा झटका देना चाहेगी।
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