मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि मार्च से मई तक प्री-मानसून एक्टिविटी रहती है। मार्च और अप्रैल के बाद मई में भी बारिश, ओले और तेज हवा का दौर चल रहा है। मौजूदा सिस्टम की वजह से मौसम ठंडा है। ज्यादातर जिलों में दिन का तापमान 40 डिग्री से नीचे ही है, जबकि मई के आखिरी दिनों में तेज गर्मी पड़ने का ट्रेंड है। पिछले 10 साल के आंकड़ों पर नजर डालें, तो ग्वालियर में 47 और भोपाल में तापमान 46 डिग्री के पार पहुंच जाता है। इंदौर, जबलपुर-उज्जैन समेत बाकी शहर भी गर्म रहते हैं, लेकिन अबकी बार तापमान 40 डिग्री के आसपास ही है। सोमवार को भोपाल, ग्वालियर, सागर और चंबल में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। इंदौर, उज्जैन, जबलपुर, रीवा, नर्मदापुरम और शहडोल संभाग में भी मौसम बदला रहेगा। श्योपुरकलां, गुना, राजगढ़, विदिशा, शिवपुरी, छिंदवाड़ा, अनूपपुर, सागर, शाजापुर, डिंडोरी, आगर-मालवा और सिवनी में ओले गिरने की आशंका है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक ने बताया कि 28 मई से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव होने से सिस्टम और भी मजबूत हुआ है। इस कारण बारिश, ओले और आंधी का सिलसिला चल रहा है।
29 May 2023

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प्रदेश में फिर सक्रिय हुए तीन सिस्टम
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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