दरअसल, किसान बड़ा वोट बैंक हैं और इन्होंने वर्ष 2018 के मप्र विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को दो लाख रुपये का ऋण माफ करने के वचन के कारण समर्थन दिया था। इसी के चलते कांग्रेस 230 सदस्यीय विधानसभा में 114 सीटें जीती थी। पार्टी ने इस बार भी किसानों को ऋण माफी का वचन दिया है।
रबी और खरीफ की फसलें वर्ष 2021-22 में अतिवृष्टि के कारण प्रभावित हुई थीं। सरकार ने उक्त वर्ष में न्यूनतम एक हजार रुपये का फसल बीमा देने का प्रविधान किया था। इसके कारण 44 लाख किसानों ने बीमा कराया विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लगभग तीन हजार करोड़ रुपये के बीमा दावे मंजूर हुए हैं। अब बीमा की राशि किसानों के खातों में अंतरित की जानी है। इसके लिए मुख्यमंत्री कार्यालय को प्रस्ताव भेजा गया है।
सूत्रों का कहना है कि सरकार चुनावी वर्ष में किसानों को साधने के लिए बड़ा कार्यक्रम करना चाहती है। साथ ही, राज्य सरकार ने हाल ही में 11.9 लाख किसानों की 2,123 करोड़ रुपये की ब्याज माफी देने का निर्णय लिया है।
यह इस दृष्टि से बड़ा कदम है कि ब्याज माफी से इन किसानों को जून से सहकारी समितियों से खाद-बीज मिलने लगेगा, जो अपात्र होने के कारण बंद हो गया था। इसी तरह राज्य सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा का लाभ भी 15 लाख से अधिक किसानों को देने जा रही है। कुछ अन्य योजनाओं की घोषणा की भी तैयारी है। किसान महासम्मेलन में पीएम मोदी की उपस्थिति से देशभर के किसानों को अच्छा संदेश दिया जा सकेगा।
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