बालिका के पिता मूलरूप से आगरा के मंटोला इलाके के रहने वाले हैं। वह तकरीबन 10 साल से जगदीशपुरा क्षेत्र में रह रहे हैं। वह मजदूरी करते हैं। पांच साल से एक मकान में किराए पर रह रहे थे। पत्नी भी घरों में झाड़ूपोछा करती हैं। सोमवार सुबह बच्ची के माता-पिता काम पर चले गए। छोटा भाई घर में खेल रहा था। दोपहर में दो बजे मां घर आई। उन्हें बेटी कहीं नजर नहीं आई। उन्होंने घर में ही किराए पर रहने वाले प्रकाश के बेटे सनी से बेटी के बारे में पूछा। उसने कह दिया कि वह बाजार गई है। तब से लौटकर नहीं आई है।
मां को चिंता हुई वह बेटी की आसपास तलाश करने लगीं। मगर, वह नहीं मिली। शाम को 5:30 बजे पिता आए। इस पर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। इसमें बच्ची कहीं नजर नहीं आई। इस पर मां से घर में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी ली। पुलिस ने शक के आधार पर किराएदार सनी को पकड़ लिया। पूछताछ में उसने हत्या करना स्वीकार किया और बच्ची को छिपाने के बारे में बताया। इस पुलिस उसे घर लेकर पहुंची।
एक कमरे का ताला खुलवाकर शव बरामद किया गया। शव दीवार में बनी अलमारी के अंदर रजाई में लिपटा हुआ था। बेटी की हत्या से परिवार में कोहराम मच गया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
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