इन मशीनों के आने के बाद जेपी अस्पताल की फिजियोथेरेपी यूनिट प्रदेश के जिला अस्पतालों में पहली मॉडल फिजियोथेरेपी यूनिट होगी। जेपी में संचालित फिजियोथेरेपी यूनिट में अभी सिर्फ तीन टेबल हैं। यहां रोज करीब 40 मरीजों को थेरेपी की जरूरत पड़ती है। जेपी अस्पताल प्रबंधन ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से हुई चर्चा के आधार पर इसका प्रस्ताव बनाकर दिया है। जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया की प्रदेश पहली मॉडल फिजियोथेरेपी यूनिट होगी।फिजियोथेरेपी यूनिट को अपग्रेड किया जा रहा है,मशीनों के साथ ही टेबल और स्टाफ भी बढ़ेगा। तब ज्यादा मरीजों को सुविधा मिलेगी।
फिजियोथेरेपी यूनिट लगेगी
बात दे की अभी यहां फिजियोथेरेपी यूनिट में 52 प्रकार की मशीनें और उपकरण ही हैं। इनमें से भी अधिकांश बेसिक ही हैं। अब इस यूनिट को अपग्रेड किया जा रहा है। मशीन, उपकरण खरीदी और रिनोवेशन पर 30 लाख से ज्यादा का व्यय होने का अनुमान है।साथ ही क्लास 4 लेजर- यह सॉफ्ट टिश्यू की इंज्यूरी वाले मरीजों को दर्द से राहत दिलाने में उपयोगी होती है। इससे ट्रिगर पॉइंट पर लेजर से सिकाई की जाती है और मरीज जल्दी आराम मिलता है।इस मशीन शॉक वेब डाइथेरेमी - मांसपेशियों में दर्द में काम आती है। यानी ज्वाइंट पेन के मरीजों के लिए उपयोगी है।
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