दरअसल भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता, पार्षद प्रतिनिधि, नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि यशपाल सिंह ठाकुर का नाम एक सुसाइड मामले में सुसाइड नोट पर आने के बाद पुलिस के द्वारा विभिन्न धाराओं के तहत उन पर मामला कायम किया गया है। इसके अलावा अन्य 3 लोगों पर भी मामला दर्ज हुआ है। यशपाल ठाकुर पर हुए मामले दर्ज के बाद वार्ड के लोगों ने सांसद कार्यालय पहुंचकर इस मामले में यशपाल ठाकुर के निर्दोष होने की बात कही थी। जिसके बाद केंद्रीय मंत्री ने वार्ड वासियों के द्वारा सौंपे ज्ञापन के बाद मीडिया को दिए बयान में कहा कि यशपाल ठाकुर भारतीय जनता पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता है, नगर पालिका में सांसद प्रतिनिधि है ऐसे में सुसाइड नोट में जो नाम लिखा गया है उसमें हैंडराइटिंग एक्सपर्ट से जांच होनी चाहिए। उसके बाद ही कोई एक्शन होना चाहिए। उन्होंने पुलिस के द्वारा बिना जांच की गई कार्रवाई पर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को भी अवगत कराया है। यही कारण है कि केंद्रीय मंत्री ने निजी सुरक्षा गार्ड को छोड़कर दमोह पुलिस की फॉलो सहित अन्य सुरक्षा को वापस कर दिया। इसको लेकर के जहां सांसद कार्यालय में यशपाल ठाकुर के समर्थकों ने नारेबाजी करते हुए पुलिस अधीक्षक और को
तवाली थाना प्रभारी को हटाने के नारे लगाए। तो वहीं एक ज्ञापन भी केंद्रीय मंत्री को सौंपा गया है।
सीआईडी जांच होगी
इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मामले की सीआईडी जांच के आदेश जारी कर दिए हैं। उनका कहना था कि पटेल हमारे वरिष्ठ नेता हैं।
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