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20 July 2023

त्रेतायुगीन शनि मंदिर का महाकाल लोक की तर्ज पर होगा निर्माण


 मुरैना। मध्यप्रदेश के मुरैना जिले के ऐंती स्थित त्रेतायुगीन शनि मंदिर शनि लोक बनाने की शुरुआत भव्य तोरण (प्रवेश द्वार) के निर्माण से होगी। यह तोरण नागर शैली में बनेगा,खास बात यह है कि इस तोरण में राजस्थान का वही पत्थर लगाया जाएगा जो अयोध्या के राम मंदिर के निर्माण में उपयोग किया जा रहा है।

 इस मंदिर के भव्य निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मुरैना कलेक्टर पुलिस अधीक्षक सहित जिले के सभी अधिकारियों के साथ शनि मंदिर पर बैठक की।। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने शनि मंदिर का निर्माण महाकाल लोक की तरह कराया जाएगा जिसमें भव्य परिक्रमा और एक प्रवेश तोरण द्वार गेट बनाया जाएगा।

 इसके अलावा विशाल मूर्तियों का निर्माण कराया जाएगा साथ साथ शनि मंदिर पर दो परिक्रमा बनाई जाएंगी। जिसमें एक छोटी परिक्रमा रहेगी और एक बड़ी परिक्रमा परिक्रमा में शनि मंदिर के अलावा प्राचीन हनुमान मंदिर और राधा कृष्ण जी का विशाल मंदिर है उसको भी परिक्रमा में जोड़ा जाएगा। 


तोरण का डिजाइन तैयार

 शनिश्चरा मंदिर के तोरण का डिजाइन तैयार हो चुका है,इसके लिए 1 करोड़ 76 लाख रुपए भी जारी हो गए हैं। मंदिर के द्वार के साथ-साथ दो परिक्रमाओं का निर्माण कराया जाएगा। मुरैना जिले का शनि मंदिर विश्व का इकलौता मंदिर है जो महाकाल लोक की तर्ज पर शनि मंदिर का भी निर्माण कराया जाएगा। प्रवेश द्वार का डिजाइन देश के प्रसिद्ध टेंपल डिजाइनर चंद्रकांत बी. सोमपुरा ने तैयार किया है। अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का डिजाइन भी सोमपुरा ने ही तैयार किया है। अब इस तोरण को आर्किटेक्ट सोमपुरा के बेटे आशीष सोमपुरा अपनी निगरानी में तैयार करवाया गया है। तोरण द्वार की पूरी तरह से उत्तर भारतीय नागर शैली में बनाया जाएगा,नागर शैली में मंदिर के प्रवेश द्वार कई प्रकार के होते हैं- जैसे एकल द्वार, त्रिद्वार या पंच द्वार,मुरैना शनिश्चरा मंदिर का डिजाइन त्रिद्वार शैली में है। इसमें शनिदेव से जुड़े प्रतीक जैसे उनका वाहन,उनकी हनुमान जी से जुड़ी कथाओं वाली प्रतिमाएं आदि भी लगाई जाएंगी। 


त्रेता युग का है मंदिर


त्रेता युग का है ऐती स्थित शनि मंदिर {पौराणिक इतिहास के स्रोत इस मंदिर को त्रेता युग का बताते हैं,{इस मंदिर का जीर्णोद्धार सम्राट विक्रमादित्य द्वारा करवाने के प्रमाण हैं। {मंदिर के बाहर लगे शिलालेख में उल्लेख है कि मंदिर की व्यवस्था के लिए दौलतराव सिंधिया ने मंदिर को जागीर भेंट की थी,{मंदिर परिसर में रखी शिला का ही एक हिस्सा औरंगाबाद के एक भक्त अपने साथ ले गए थे। जो औरंगाबाद से शनि शिंगणापुर पहुंची। मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि इस मंदिर के निर्माण के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर लगातार प्रयासरत हैं और उन्होंने अधिकारियों के साथ बैठक की है, शनि मंदिर पर निर्माण कार्यों की शुरुआत हो चुकी है तोरण द्वार के साथ-साथ परिक्रमा की जगह पर भी कार्य शुरू हो रहा है साथ ही विश्व का का इकलौता शनिलोक का निर्माण मुरैना जिले के ऐंति पर्वत पर बनकर तैयार होगा।


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