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20 July 2023

अब हिंदी में पढ़ाई कर पाएंगे एमबीबीएस छात्र


 भोपाल। अब एमबीबीएस छात्र हिंदी में पढ़ाई कर सकते हैं। गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने एमबीबीएस की हिंदी की पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया गया। हमीदिया अस्पताल में अन्य मेडिकल कॉलेज वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।

 इस दौरान मंत्री सारंग ने ऑनलाइन पुस्तक का निशुल्क वितरण किया, साथ ही विश्वास सारंग ने एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों से किया संवाद भी किया। बता दें कि हिंदी की मेडिकल पुस्तकों का ट्रांस्लेशन का कार्य किया जा रहा है। इस दौरान हिंदी माध्यम एवं ग्रामीण परिवेश से आने वाले विद्यार्थियों के पठन-पाठन में पुस्तकों की उपयोगिता के संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रथम वर्ष की किताबों का सभी शासकीय मेडिकल कालेजों में निशुल्क वितरण किया गया है। देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करना मध्यप्रदेश के लिए गर्व का विषय है। देश में पहली बार हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करना मध्यप्रदेश के लिये गर्व का विषय है। इस दौरान विश्वास सारंग ने कहा कि हिंदी में एमबीबीएस 2.0 की प्रक्रिया भी मिशन मोड पर शुरू है। सितंबर महीने तक एमबीबीएस के सेकेंड, थर्ड और फोर्थ ईयर की हिंदी किताबें तैयार होंगी। इस कार्यक्रम में गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के 300 से अधिक एमबीबीएस विद्यार्थी, चिकित्सा शिक्षक मौजूद रहे इसी के साथ प्रदेश के 12 चिकित्सा महाविद्यालयों के 2055 चिकित्सा विद्यार्थी, फैकल्टी एवं स्टाफ वीडियों कांफ्रेंस द्वारा शामिल हुए।

चिकित्सा विद्यार्थियों के जीवन में होगा आमूल-चूल परिवर्तन

मंत्री श्री सारंग ने कहा कि देश की स्वतंत्रता के 70 वर्षों तक हिंदी में पाठ्य-पुस्तकें लाने का विचार तो किया गया, लेकिन इसके लिये कार्य नहीं किया गया। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू कर सदियों से चली आ रही लॉर्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति को बदलने का काम किया है। उन्होंने कहा कि यह हमारे लिये गर्व का विषय है कि मध्यप्रदेश हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ कराने वाला देश का पहला राज्य है। अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई करने से चिकित्सा विद्यार्थियों के जीवन में अमूल-चूल परिवर्तन होगा।

सितंबर माह तक उपलब्ध होगी सेकंड, थर्ड एवं फोर्थ ईयर की हिंदी पाठ्य-पुस्तकें

मंत्री श्री सारंग ने बताया कि हिंदी में एमबीबीएस 2.0 की शुरूआत हो चुकी है। इसके तहत द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ वर्ष की पुस्तकों के लिप्यंतरण कार्य की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। उन्होंने बताया कि लिप्यंतरण कार्य के लिये 13 शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों में हिंदी चिकित्सा प्रकोष्ठ ‘मंदार’ वॉररूम की स्थापना की गई है। इस कार्य में पहली बार सॉफ्टवेयर आधारित एआई का भी उपयोग किया जा रहा है। इससे सितंबर माह तक एमबीबीएस सेकंड, थर्ड और फोर्थ ईयर की हिंदी पाठ्यपुस्तकें भी उपलब्ध होंगी।



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