एडवोकेट मनीष यादव ने बताया कि यह नोटिस इंदौर कलेक्टर टी इल्लया राजा और निगमायुक्त हर्षिका सिंह को जारी करते हुए हाईकोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब तलब किया है।
-शहर में पेयजल की समस्या को लेकर दायर की थी अवमानना याचिका
गौरतलब है पूर्व पार्षद महेश गर्ग के द्वारा वर्ष 2015 में शहर में पेयजल की अव्यवस्था को लेकर जनहित याचिका दायर की थी। जिसे न्यायालय द्वारा वर्ष 2016 में स्वीकार करते हुए निगम के आश्वासन को मद्देनजर रखते हुए आदेशित किया था,कि जल्द ही शहर की जनता को 24 घंटे साफ नर्मदा का जल मिलेगा गलत तरीके से लगे सभी निजी बोरिंग और ट्यूबवेल हटाए जाएंगे ।-अमृत योजना 2019 तक पूर्ण कर शहर की जनता को रोज सुगम जल वितरण किया जाएगा इस आधार पर निगम के आश्वासन पर न्यायालय ने उपरोक्त याचिका स्वीकार करी थी, याचिकाकर्ता की और से अधिवक्ता मनीष यादव,अदिति मनीष यादव ने अवमानना याचिका की सुनवाई में तर्क रखे नयायालय के आदेश के 7 साल बीत जाने के बाद भी शहर की पेयजल व्यवस्था ठीक नही है,कई जगह टैंकर से जल वितरण करना पड़ रहा है।
महापौर 24 घंटे जल देने की बात कर रहे है, लेकिन शहर में कही भी ऐसी व्यवस्था नही है कई जगह गन्दे पानी की समस्या है।
,,,,नल एक दिन छोड़कर आते हैं बिल पूरे महीने का लिया जाता है,,,
एक दिन छोड़ कर नल आते बिल पूरे महीने का वसूला जाता है,न्यायालय के आदेश का पालन नही किया जा रहा है। अमृत योजना 2019 तक पूरी हो जानी थी, जोकि 2023 तक भी नही हुई। इन तर्कों से सहमत होकर प्रशाशनिक न्यायमूर्ति शुश्रुत धर्माधिकारी एवम न्यायमूर्ति प्रणय वर्मा की कोर्ट ने कलेक्टर टी इल्लया राजा और निगमायुक्त हर्षिका सिंह से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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