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16 November 2022

राहुल की यात्रा से पहले सियासी बवाल की आहट:पायलट व मंत्रियों के शब्दबाणों के आगे सीएम गहलोत ने चुप्पी को बनाया ढाल



 राजस्थान में कांग्रेस सरकार और पार्टी एक बार फिर राजनीतिक अस्थिरता के घेरे में फंसती हुई दिख रही है। सरकार और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित विभिन्न मंत्री, विधायक, पदाधिकारियों के शब्दबाण बरसा रहे हैं। इस बार गहलोत ने चुप्पी को अपनी ढाल बनाया हुआ है। इधर पार्टी और सरकार के सामने सरदार शहर उप चुनाव को जीतने और राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की चुनौतियां खड़ी हैं।

सूत्रों का कहना है कि पार्टी और सरकार के लिए यह चिंता का विषय बन गया है कि कहीं अन्य राज्यों में कांग्रेस की सरकार ना होते हुए भी शानदार रेस्पांस हासिल करने वाली राहुल की यात्रा कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान में विवादों में पड़कर फुस्स ना हो जाए।

पिछले 20 सालों में यह पहला मौका है, जब राजस्थान में किसी मुख्यमंत्री के खिलाफ उसी की कैबिनेट के साथी मंत्री, विधायक और पूर्व डिप्टी सीएम एक साथ बयान बाजी कर रहे हों। यहां तक कि मुख्यमंत्री को धोखेबाज कहा जा रहा है और पूर्व डिप्टी सीएम पायलट तो पिछले 10 दिनों में चौथी बार सीएम अशोक गहलोत को कठघरे में खड़ा कर चुके हैं।

राहुल की यात्रा के मार्ग में कर्नाटक और महाराष्ट्र ऐसे राज्य थे, जहां भाजपा की सरकारें हैं। अब मध्यप्रदेश में यात्रा प्रवेश करेगी वहां भी भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन यात्रा को कहीं कोई परेशानी नहीं आई, लेकिन राजस्थान में चारों तरफ यात्रा को लेकर आशंका के बादल छाए हुए हैं। इस चिंता को पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने जाहिर भी कर दिया है। डोटासरा ने तो तीन दिन पहले महाराष्ट्र में एक छोटी सी मुलाकात के दौरान राहुल गांधी को राजस्थान के मौजूदा हालात की जानकारी भी दी है।

हालांकि डोटासरा का कहना है कि कांग्रेस पार्टी यह सुनिश्चित करेगी कि राहुल की यात्रा को राजस्थान में कोई परेशानी नहीं आए। साथ ही यहां विभिन्न समुदायों-संगठनों को भी यात्रा का स्वागत करना चाहिए क्योंकि राहुल यात्रा के माध्यम से पूरे देश के लोगों की आवाज बुलंद कर रहे हैं।

इस बीच सचिन पायलट का पिछले चार सालों में यह तीसरा प्रयास है, जब वे गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। यूं उन्हें राजनीति में बहुत धैर्यवान और विवादित मुद्दों पर चुप्पी बरतने वाला राजनेता माना जाता है।

जुलाई 2020 में मानेसर और सितंबर-2022 में जयपुर में हुई घटनाओं के बाद पायलट ने कभी गहलोत के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया था। तब भी नहीं दिया था, जब गहलोत ने उन्हें बतौर पार्टी अध्यक्ष नाकारा व निकम्मा तक कह दिया था। लेकिन हाल ही पायलट ने अपनी चुप्पी चार बार तोड़ी है।

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