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23 April 2023

अमृतपाल 36 दिन बाद अरेस्ट, असम जेल पहुंचाया


 अमृतसर। वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिन की फरारी के बाद मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अरेस्ट कर लिया। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन से गई। वहां से उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया। दोपहर पौने 4 बजे पुलिस ने अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल अथॉरिटी के हवाले कर दिया।

उधर अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद मोगा जिले में तनाव है। यहां पुलिस फोर्स की तैनात के अलावा रोडे गांव में एसएसपी ने खुद फ्लैग मार्च किया। इस गांव में बने संत खालसा गुरुद्वारे के ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल शनिवार रात को गांव पहुंचा। रविवार सुबह गिरफ्तारी से पहले उसने गुरुद्वारे के ग्रंथी से पांच ककार (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) लेकर पहने और प्रवचन के जरिए लोगों को संबोधित किया।

रविवार सुबह अमृतपाल को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे बठिंडा ले गई। वहां से एयरफोर्स के विशेष विमान में अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचाया गयारविवार सुबह अमृतपाल को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस उसे बठिंडा ले गई। वहां से एयरफोर्स के विशेष विमान में अमृतपाल को असम के डिब्रूगढ़ पहुंचाया गया

भिंडरावाले के जन्म स्थान पर सरेंडर की प्लानिंग की

जिस रोडे गांव से अमृतपाल को पकड़ा गया, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं पर अमृतपाल की दस्तारबंदी हुई थी। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए रविवार का दिन चुना गया।


अमृतपाल के करीबियों ने ही पंजाब पुलिस को उसके सरेंडर प्लान के बारे में बताया था। पुलिस को आशंका थी कि भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ सकता है। लिहाजा पुलिस टीम सादे कपड़ों में गुरुद्वारे पहुंची और सुबह-सुबह ही उसे गिरफ्तार कर लिया।अमृतपाल ने मोगा के रोडे गांव के गुरुद्वारे में पहुंचकर माथा टेका। पोशाक बदलकर चोला और परना पहना।

अमृतपाल ने मोगा के रोडे गांव के गुरुद्वारे में पहुंचकर माथा टेका। पोशाक बदलकर चोला और परना पहना।

पंजाब पुलिस और इंटेलिजेंस अफसर अमृतपाल सिंह को लेकर सीधे बठिंडा एयरपोर्ट पहुंचे जहां से उसे असम भेज दिया गया। 

पुलिस ने मर्यादा का ध्यान रखा, गुरुद्वारे के अंदर नहीं गई- IG

पंजाब पुलिस के IG हेडक्वार्टर डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कहा, 'पुलिस ने 35 दिन से दबाव बनाया था। इंटेलिजेंस विंग के पास रोडे गांव में अमृतपाल की मौजूदगी का इनपुट था। उसे नाका लगाकर घेर लिया गया, लेकिन वह गुरुद्वारा साहिब के अंदर था। मर्यादा को देखते हुए पुलिस अंदर नहीं गई। अमृतपाल सिंह से बाहर आने के लिए कहा गया, फिर उसे गिरफ्तार किया गया।


प्रवचन में बोला- गिरफ्तारी अंत नहीं, शुरुआत


गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव के गुरुद्वारे में प्रवचन के दौरान अमृतपाल ने कहा, 'यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वह सब सभी ने देखा है। हम इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। ये गिरफ्तारी अंत नहीं, शुरुआत है।'


रविवार सुबह गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल सिंह ने मोगा जिले के रोडे गांव में गुरुद्वारे से प्रवचन देकर अपने समर्थकों को संबोधित किया।

अमृतपाल के माता-पिता बोले- संपर्क में नहीं थे अमृतपाल के माता-पिता ने कहा है कि गिरफ्तारी से पहले वे अमृतपाल से संपर्क में नहीं थे। गर्व की बात है कि बेटे ने सरेंडर किया। अब सरकार ने जिन्हें नाजायज पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए। साथ ही कहा कि वे डिब्रूगढ़ में अमृतपाल से मिलने जाएंगे।

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