भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है। उसी तरह सियासी हमले भी तेज होते जा रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और पीसीसी चीफ कमलनाथ एक दूसरे पर जमकर जुबानी तीर छोड़ रहे हैं। सीएम शिवराज ने मंगलवार को कमलनाथ को चुनावी हिन्दू बताया था। शिवराज के इस बयान पर बुधवार को नाथ ने पलटवार किया है। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा है कि मप्र को जन भक्त सरकार चाहिए, ना कि घोषणा और भ्रष्टाचार भक्त।
पीसीसी चीफ ने शिवराज पर निशाना साधते हुए कहा कि मेरी हनुमान भक्ति पर विचार करने के स्थान पर आप प्रदेश की जन-शक्ति पर विचार कीजिए, जो आपका संवैधानिक उत्तरदायित्व है और जन उपयोगी है। मप्र की जनता को जन भक्त सरकार चाहिए। भाजपा की घोटाला-भक्त, घोषणा-भक्त, भ्रष्टाचार-भक्त, अत्याचार-भक्त और नौटंकी-भक्त सरकार नहीं। नाथ यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा सरकार को अंदर और बाहर से अच्छे से समझ चुकी है। जनता जवाब देने के लिए अब सिर्फ समय का इंतजार कर रही है।
सीएम के कमलनाथ को चुनावी भक्त बताने पर पूर्व सीएम ने कहा सीएम का नाम लेकर कहा क जो इंसान जैसा होता है वो वैसी ही दृष्टि से बाहरी दुनिया को देख पाता है। निश्चित ही आप चुनावी भक्त होंगे, इसलिए आप दूसरों में भी चुनावी भक्ति खोज रहे हैं। जीवन के हर पहलू को चुनाव के रंग से ही देख पा रहे हैं। आस्था ओर विश्वास, व्यक्ति की आंतरिक अनुभूमि होती है। स्थाई होती है। मेरी आस्था आंतरिक है।
कथा कराने पर नाथ को घेर रही भाजपा
बता दें कि अभी दो दिन पहले कमलनाथ ने छिंदवाड़ा के सिमरिया हनुमान मंदिर में बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से तीन दिनी रामकथा करवाई थी। इसके बाद अब वह 5 से 9 सितंबर तक कुबेरेश्वर धाम के पंडित प्रदीप मिश्रा से कथा कराने जा रहे हैं। नाथ यह दोनों कथाएं ऐसे समय करा रहे हैं, जब तीन महीने बाद मप्र में चुनाव होना है। यही वजह है कि भाजपा के नेता उनको टारगेट कर रहे हैं। इसमें सीएम शिवराज का भी नाम शामिल हैं।
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